Type 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चे की बिगड़ सकती हैं मेंटल हेल्थ, स्टडी में चला पता

स्टडी में पता चलता है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के उच्च जोखिम में हो सकते हैं। रिसर्चर ने मूड और एन्जाइटी डिसऑर्डर की संभावना में बढ़ोतरी पाई है।

Nitu Kumari | Published : Jul 19, 2024 5:14 AM IST

हेल्थ डेस्क. खेलने कूदने की उम्र में बच्चे टाइप 1 डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। यह डायबिटीज तब होता है जब पैनक्रियास से इंसुलिन का प्रोडक्शन बहुत कम होता है। यह सबसे आम बचपन की क्रोनिक बीमारियों में से एक है। 18 साल की उम्र तक, 350 में से 1 बच्चे को टाइप 1 डायबिटीज हो चुका होता है। लेकिन इस बीमारी का असर बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी पड़ने लगा है। न्यू स्टडी में इसका खुलासा हुआ है।

यूके और चेक गणराज्य की एक टीम के स्टडी में पाया गया है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि मूड और एन्जाइटी डिसऑर्डर का जोखिम बहुत अधिक होता है। यह रिजल्ट पेशेंट के मेंटल हेल्थ की निरंतर निगरानी और देखभाल की जरूरत पर जोर देता है। JDRF ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनिया भर में 8.7 मिलियन लोग टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिनमें से 400,000 से अधिक केवल यूनाइटेड किंगडम में हैं। यह एक पुरानी, जानलेवा बीमारी है जो आमतौर पर बचपन में पहचानी जाती है और इसके लॉन्ग टर्म रिजल्ट होते हैं।

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टाइप 1 डायबिटीज का इलाज जीवन भर चलता है

वर्तमान में, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोग अपनी पैनक्रियास से इंसुलिन का प्रोडक्शन नहीं कर पाने के कारण उंगली से खून की जांच और इंसुलिन इंजेक्शन या इन्फ्यूजन पर निर्भर रहते हैं। हालांकि आर्टिफिशियल पैनक्रियास तकनीक में हाल के विकास इस देखभाल को बदलने में मदद कर रहे हैं। 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। इस उम्र में बच्चे को टाइप 1 डायबिटीज हो जाती है तो इसका इलाज भी उम्र भर चलता है।

टाइप 1 डायबिटीज के पीड़ित बच्चों में घर कर जाता है अकेलापन

रिसर्चर का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर असर पड़ने का कारण उनकी जिंदगी में हो रहे बदलाव की वजह हो सकती है। जैसे उनके खाने पर लगातार निगरानी बनाए रखना, इंसुलिन इंजेक्शन लगना आदि। यह सभी बच्चों को सामाजिक घटनाओं से बाहर महसूस कराता है। वो अपने दोस्तों से खुद को अलग महसूस करने लगते हैं। शिक्षकों और फैमिली के सदस्यों से भी वो खुद को अलग-थलग पाते हैं। ऐसे में डायबिटीज से पीड़ित बच्चों से ज्यादा बात करने और ख्याल रखने की जरूरत होती है।

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण

यदि आपका ब्लड ग्लूकोज हाई लेबल पर है तो आपको टाइप 1 डायबिटीज के इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है-

-बहुत प्यासा लगना, ज्यादा भूख लगना

-अधिक बार पेशाब आना

-बिना किसी कारण वजन कम होना

-असामान्य रूप से थका हुआ महसूस करना

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