काला चश्मा से दूर रहता है कंजंक्टिवाइटिस? जानें Eye Flu को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर्स

Conjunctivitis Can prevent with goggles?: डॉक्टर ने आगे बताया- ‘आपको इस्तेमाल किए गए या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए चश्मे को नहीं छूना चाहिए। वास्तव में, किसी को भी काले चश्मे के माध्यम से संक्रमण हो सकता है।'

Shivangi Chauhan | Published : Jul 30, 2023 11:12 AM IST

हेल्थ डेस्क: कंजंक्टिवाइटिस देशभर में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ‘काला चश्मा’ हमें कंजंक्टिवाइटिस से बचा सकता है? दरअसल काला चश्मा वैसे आंखों को ठंडा होने का आभास दे सकता है और दूसरों को दिल्ली में कंजंक्टिवाइटिस महामारी के दौरान दूसरों की चुभने वाली आंखों की परेशानी को देखने से रोक सकता है, लेकिन ये आई इंफेक्शन के प्रसार के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। कंजंक्टिवाइटिस से जुड़ा वायरस लंबे समय तक सतहों पर बना रहता है, जिससे दरवाजे के हैंडल, टेबल या कुर्सियों जैसी दूषित वस्तुओं के संपर्क से किसी के लिए भी संक्रमित होना आसान हो जाता है। इस प्रकार काला चश्मा पहनना कोई उपाय नहीं है। संक्रमित व्यक्तियों को यह नहीं मानना चाहिए कि उन्हें काला चश्मा भीड़-भाड़ वाली जगहों या कार्यालयों में संक्रमण फैलाने से रोकता है।

काला चश्मा और कंजंक्टिवाइटिस पर क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

एम्स में आरपी सेंटर फॉर ऑप्थैल्मिक साइंसेज के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल ने इस बात पर जोर दिया है कि काला चश्मा कंजंक्टिवाइटिस के प्रसार को नहीं रोकता है।ट्रांसमिशन से बचने की कुंजी लैपटॉप, कंप्यूटर, माउस, टेबल और फोन जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को दूसरों के साथ साझा न करने में निहित है। ‘यदि आप ऐसी चीजों को छूते हैं, तो आपको अपने हाथ और कार्य क्षेत्र को साफ करना चाहिए, जैसे लोग कोविड संकट के दौरान करते थे।’

डॉक्टर ने आगे बताया- ‘आपको इस्तेमाल किए गए या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए चश्मे को नहीं छूना चाहिए। वास्तव में, किसी को भी काले चश्मे के माध्यम से संक्रमण हो सकता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति उन्हें उतार देता है, तो जिस सतह पर वह उन्हें रखता है वह दूषित हो सकती है और बाद में ऐसी सतह को छूने वाले को भी संक्रमित कर देगा।’ कार्यालयों में तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा है, जिससे वायरस के संचरण को रोकने के लिए घर से काम करने का सुझाव दिया गया है।

सालभर में 20% ज्यादा बढ़े कंजंक्टिवाइटिस के मामले

आई केयर सेंटर के निदेशक और वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. संजीव गुप्ता ने टीओआई को बताया कि कंजंक्टिवाइटिस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति की आंखों के स्राव के सीधे संपर्क से फैलता है। इसके अतिरिक्त, दरवाजे के हैंडल, बाथरूम सिंक जैसी दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद अपनी आंखों को छूने से भी कोई व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित लोगों द्वारा काले चश्मे का उपयोग उनकी आंखों को रोशनी से बचाने के लिए किया जाता है, न कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए।डॉक्टरों ने 2022 की तुलना में इस सीजन में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी है।

और पढ़ें - Neem Benefits: इस पत्ती के 4 फायदे हैं बेमिसाल, जानने के बाद आप भी घर में लगा लेंगे पेड़

Share this article
click me!