
हेल्थ डेस्क: केरल में बस ड्राइवर को तब झटका लगा जब बिना शराब का सेवन किए उसका ब्रेथलाइजर टेस्ट पॉजिटिव आया। वजह सिर्फ यह थी कि उसने न तो शराब का सेवन किया था और न ही वह नशे में था। ड्राइवर के लिए इस बात पर यकीन कर पाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? आपके मन में भी यह सवाल जरूर आ रहा होगा। आइए जानते हैं आखिर क्या मामला था जिसके कारण ब्रेथलाइजर टेस्ट (व्यक्ति की सांस में अल्कोहल की मात्रा पता करने का टेस्ट) फॉल्स पॉजिटिव निकला।
केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) का एक ड्राइवर ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले ब्रेथलाइजर टेस्ट करा रहा था। हैरानी तब हुई जब मशीन की रीडिंग सीधे 0 से 10 तक पहुंच गई। जब ट्रैफिक पुलिस ने उससे ये बात पूछी तो ड्राइवर ने शराब सेवन की बात से इंकार किया। अपनी बात को सही साबित करने के लिए ड्राइवर ने ब्लड टेस्ट की बात रखी। साथ ही ड्राइवर ने बताया कि कुछ देर पहले ही उसने दोस्तों के साथ पका कटहल खाया था। साथ के ड्राइवरों का टेस्ट करने पर भी रिजल्ट पॉजिटिव आया। अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर कटहल खाने से टेस्ट का रिजल्ट कैसे बदला? आपको बताते चलें कि यह बिल्कुल संभव है। जानिए इसके पीछे आखिर क्या कारण है?
जी हां! पके हुए कटहल में थोड़ी मात्रा में इथेनॉल होता है। कटहल खाने पर मुंह में कुछ अंश रह जाते हं। इस कारण से मशीन उसकी रीडिंग कर लेती है। कटहल में नेचुरल फर्मेंटेशन के कारण शर्करा अल्कोहल में बदलने लगती है। यही वजह है कि कटहल में थोड़ी मात्रा में इथेनॉल बनने लगता है। हालांकि अल्कोहल इतना नहीं होता है कि व्यक्ति को नशा हो जाए। कटहल जितना पकेगा, उतना ही इथेनॉल भी बनेगा।
ब्रेथलाइजर टेस्ट के दौरान ब्लड में अल्कोहल की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है। व्यक्ति की सांस में अल्कोहल की मात्रा को मापने का काम मशीन करती है। रीडिंग आमतौर पर प्रतिशत या फिर संख्या के रूप में नंबर दिखाती है।
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