बोतलबंद पानी में छिपा खतरा, जान लें कितने रिस्क में आपकी Health?

Side effects of drinking bottled water: बोतलबंद पानी अक्सर एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन यह कुछ स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा कर सकता है। नई रिसर्च में बड़ी समस्याएं सामने आई हैं।

हेल्थ डेस्क: बोतलबंद पानी हाइड्रेशन का एक सुविधाजनक सोर्स है, जिसे अक्सर नल के पानी के लिए एक सुरक्षित ऑप्शन माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैकेज्ड पानी, पीना वास्तव में आपके हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है? जी हां, भले ही बोतलबंद पानी सेफ ऑप्शन है लेकिन यह कुछ हेल्थ रिस्क भी पैदा करता है। कई रिसर्च में प्लास्टिक की बोतलों से कैमिकल रिसाव, माइक्रोप्लास्टिक संदूषण और कभी-कभी बैक्टीरिया की उपस्थिति जैसी समस्याएं सामने आई हैं। साथ ही प्यूरीफिकेशन प्रक्रिया के दौरान आवश्यक मिनरल को हटाने से भी हेल्थ पर असर पड़ सकता है।

माइक्रोप्लास्टिक संदूषण

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बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी भी उजागर हुई है। फ़्रेडोनिया में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क द्वारा किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि मुख्य ब्रांडों के 93% बोतलबंद पानी के सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक कण थे। ये छोटे प्लास्टिक के टुकड़े शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और संभावित रूप से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

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प्लास्टिक बोतलों से निकलने वाले कैमिकल

बोतलबंद पानी से जुड़ी मुख्य चिंताओं में एक प्लास्टिक की बोतलों से निकलने वाले कैमिकल भी हैं। ज़्यादातर बोतलबंद पानी पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (PET) प्लास्टिक में पैक किया जाता है, जो बिस्फेनॉल ए (BPA) और फ़थलेट्स जैसे हानिकारक पदार्थों को छोड़ सकता है। इन रसायनों को एंडोक्राइन डिसरप्टर के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि वे शरीर में हार्मोनल कार्यों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। BPA, PET बोतलों से पानी में घुल सकता है, खासकर जब गर्मी के संपर्क में हो या लंबे समय तक स्टोर हो। कई लोग अब BPA-मुक्त बोतलें बनाते हैं, अन्य रसायन अभी भी जोखिम पैदा कर सकते हैं।

एंडोक्राइन डिसरप्टर्स

बोतलबंद पानी में एंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल (EDC) हो सकते हैं। ये केमिकल शरीर के हार्मोनल सिस्टम में इंटरफियर कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से प्रजनन संबंधी समस्याएं, विकास संबंधी समस्याएं और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

आवश्यक मिनरल की कमी

बोतलबंद पानी हाइड्रेशन का सोर्स हो सकता है लेकिन इसमें नैचुरल मिनरल में पाए जाने वाले आवश्यक खनिजों की कमी हो सकती है। कुछ बोतलबंद पानी रिवर्स ऑस्मोसिस जैसी प्रक्रियाओं से गुजरता हैं जो अशुद्धियों को हटाता है लेकिन कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे लाभकारी खनिजों को भी हटा देता है। जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस एंड हेल्थ में आई एक रिसर्च में बताया गया है कि लंबे समय तक डीमिनरलाइज्ड पानी के सेवन से खनिजों की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों का स्वास्थ्य और अन्य शारीरिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

जीवाणु संदूषण

कड़े नियमों के बावजूद बोतलबंद पानी जीवाणु संदूषण से सुरक्षित नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बोतलबंद पानी की गुणवत्ता के बारे में चिंता जताई है। रिसर्च में पाया जा चुका है कि कुछ बोतलबंद पानी के नमूनों में बैक्टीरिया का लेवल स्वीकार्य सीमा से अधिक था। दूषित बोतलबंद पानी जठरांत्र संबंधी संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

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