डिंपल जंगडा, एक आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर, इंस्टाग्राम पर अपने चैनल के माध्यम से लोगों को फेस मैपिंग के बारे में बताती हैं। उनका कहना है कि चेहरे पर मुंहासे, दाग-धब्बे, या त्वचा का ढीलापन आपके हृदय, किडनी, लिवर आदि के स्वास्थ्य का संकेत हो सकते हैं। उनका मानना है कि चेहरा आंतरिक स्वास्थ्य की एक खिड़की है।
फेस मैपिंग, जिसे फेशियल रिफ्लेक्सोलॉजी या फेस रीडिंग भी कहा जाता है, पारंपरिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद में निहित है। यह चेहरे का विश्लेषण करके शरीर के आंतरिक अंगों के स्वास्थ्य का निर्धारण करने की एक प्रक्रिया है। इस पद्धति का आधार यह है कि चेहरे के विभिन्न क्षेत्र शरीर के विशिष्ट अंगों या शारीरिक कार्यों से जुड़े होते हैं।
डॉ जंगडा के अनुसार, अगर आपकी पाचन क्रिया ठीक नहीं है, तो आपकी आंखों के नीचे के क्षेत्र में मुंहासे हो सकते हैं। आंखों के नीचे बहुत अधिक पानी जमा होना या कालापन, किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है। देर रात तक शराब पीने वालों में यह लक्षण देखा जा सकता है। फेफड़ों के कमजोर होने पर मुंह के दोनों ओर मुंहासे हो सकते हैं। गले पर दाग या मुंहासे हार्मोन की समस्या का संकेत हो सकते हैं। पुरुषों में यह प्रजनन क्षमता की समस्या का संकेत हो सकता है।
फेस मैपिंग के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
माथा: यह आमतौर पर पाचन तंत्र और मूत्राशय से जुड़ा होता है। यहां मुंहासे, दाग-धब्बे खराब पाचन या तनाव जैसी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं।
नाक: यह हृदय और हृदय प्रणाली से जुड़ी होती है। नाक पर लालिमा या दाग-धब्बे उच्च रक्तचाप या रक्त परिसंचरण की समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। डॉ जंगडा ने बताया कि उनके पिता को नाक पर एक बड़ा मुंहासा हुआ था और बाद में उन्हें हार्ट ब्लॉकेज हुआ, जिसके कारण उनका निधन हो गया।
गाल: यह श्वसन प्रणाली से जुड़े होते हैं। इस क्षेत्र में होने वाली समस्याएं श्वसन संबंधी समस्याओं या एलर्जी का संकेत हो सकती हैं। कुछ लोगों के गाल उम्र से पहले ही ढीले हो जाते हैं, ऐसे लोगों को अपनी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता होती है।
ठोड़ी और जबड़ा: यह हार्मोन और प्रजनन प्रणाली से जुड़े होते हैं। यहां होने वाले दाग-धब्बे हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकते हैं। पुरुषों में ठोड़ी पर मुंहासे प्रजनन क्षमता की समस्या का संकेत हो सकता है। महिलाओं में यह समस्या होने पर उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
फेस मैपिंग का उपयोग किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है, ताकि उन्हें उचित आहार, जीवनशैली में बदलाव या चिकित्सा सलाह लेकर इन समस्याओं का समाधान करने में मदद मिल सके। हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है, लेकिन बहुत से लोग इसे आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ मिलाकर इस्तेमाल करते हैं।