क्या होता है गोल्डेन आवर? हार्ट अटैक के दौरान मरीज की जान बचाने के लिए कैसे है जरूरी, जानें

कभी भी दिल का दौरा पड़ने पर किसी भी मरीज के लिए शुरुआती एक घंटा बहुत मायने रखता है। इस दौरान बड़ी से बड़ी दिक्कत होने पर भी मरीज को बचाया जा सकता है। जानें क्या है गोल्डेन आवर और हार्ट अटैक पड़ने पर क्या करें इस गोल्डेन ऑवर में…

Yatish Srivastava | Published : Feb 29, 2024 2:50 PM IST
15
दिल का दौरा पड़ने पर महत्वपूर्ण होता है गोल्डेन आवर

हार्ट अटैक के दौरान पहले घंटे को गोल्डेन ऑवर कहते हैं। ये घंटा मरीज की जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस गोल्डेन आवर के ड्यूरेशन के बीच जितनी जल्दी हो मरीज को अस्पताल पहुंचा दें।

25
हार्ट अटैक पड़ने पर क्या करें गोल्डेन आवर में

गोल्डन आवर के दौरान हार्ट अटैक पड़ने पर तुरंत एंबुलेंस को कॉल कर बुलाएं। तब तक मरीज को रिलैक्स करते हुए लेटाएं और टाइट कपड़े पहने हों तो ढीला कर दें। यदि इस दौरान मरीज बेहोश हो जाता है तो कार्डियो पल्मोनरी रिससिस्टेशन (CPR) दें। हॉस्पिटल पहुंचने तक मरीज के शरीर को गर्म रखने की कोशिश करें। 

35
गोल्डेन आवर में रिलेक्स मिलने पर भी इलाज जरूरी

कई बार गोल्डेन आवर में इ सारी प्रक्रिया के दौरान मरीज को आराम मिलने लगता है। लेकिन याद रखें गोल्डेन आवर में आराम मिलने के बाद भी मरीज को प्रॉपर इलाज की जरूरत होती है।

45
डॉक्टर मशीनरियों के जरिए बचा लेते हैं हार्ट डैमेज

डॉक्टर कई मशीनरियों का प्रयोग कर हार्ट तक पहुंचने वाले ब्लड सर्कुलेशन को नॉर्मल कर देते हैं। इससे हार्ट डैमेज होने की संभावना काफी कम हो जाती है। कुछ देर में मरीज सामान्य स्थिति में आ जाता है।

55
गोल्डेन आवर में ट्रीटमेंट न मिलने पर ये खतरा

दिल का दौरा पड़ने पर यदि गोल्डेन आवर के दौरान ट्रीटमेंट नहीं मिलता है तो हार्ट डैमेज होना या दिमाग या फिर अन्य कोई अंग भी डैमेज हो सकता है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos