
Retro Walking Benefits: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में रोज 10,000 स्टेप्स पूरे करना बहुत से लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। ऑफिस, घर और जिम्मेदारियों के बीच लंबी वॉक के लिए समय निकालना आसान नहीं। ऐसे में बैकवार्ड या रेट्रो वॉकिंग एक स्मार्ट फिटनेस हैक है। ये कम समय में ज्यादा असर दिखाती है, यही इसकी खासियत है। सही तरीके से की गई रेट्रो वॉकिंग न सिर्फ स्टेप्स काउंट बढ़ाती है, बल्कि जोड़ों और कमर के दर्द में भी राहत देती है।
बैकवार्ड या रेट्रो वॉकिंग का मतलब है पीछे की ओर चलना। यह तरीका जिम ट्रेनिंग और फिजियोथेरेपी में लंबे समय से इस्तेमाल हो रहा है। पीछे की ओर चलने से शरीर के अलग मसल्स एक्टिव होते हैं, बैलेंस सुधरता है और कैलोरी बर्न ज्यादा महसूस होती है।
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रेट्रो वॉकिंग में हार्ट रेट तेजी से बढ़ता है, मसल्स ज्यादा काम करते हैं और एनर्जी खर्च ज्यादा होती है। इसलिए 100 बैकवार्ड स्टेप्स का असर लगभग 1000 नॉर्मल स्टेप्स जितना महसूस होता है-खासकर कैलोरी बर्न और फिटनेस बेनिफिट्स में।
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पीछे की ओर चलने से घुटनों पर सीधा झटका नहीं पड़ता और कमर के मसल्स अलग एंगल से एक्टिव होते हैं। यही कारण है कि यह तरीका घुटनों के दर्द, लोअर बैक पेन और स्टिफनेस में राहत देने में मदद करता है। फिजियोथेरेपिस्ट भी इसे रिकवरी एक्सरसाइज के तौर पर सुझाते हैं।