हार्ट ही नहीं...दांतों को भी इन 5 तरीकों से तनाव पहुंचाता है नुकसान, ऐसे रखें ख्याल

हेल्थ डेस्क.तनाव (stress ) का न केवल आपके फीजिकल हेल्थ पर बल्कि आपके दांतों की स्वच्छता पर भी भारी प्रभाव पड़ सकता है। रिसर्च इशारा करते हैं कि तनाव मौखिक स्वास्थ्य यानी ओरल हेल्थ को भी प्रभावित करता है। 

Nitu Kumari | Published : Feb 17, 2023 11:10 AM IST
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जब कोई तनाव में होता है तो शरीर कोर्टिसोल नामक एक हार्मोन रिलीज करता है। जो ब्लड सर्कुलेशन में शुगर (ग्लूकोज) को बढ़ाता है। यह हार्मोन उन तमाम कामों को रोकता है जो किसी बीमारी से लड़ने की स्थिति में जरूरी होता है।
 

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तनाव एक ऐसी चीज हैं जिस पर हम सभी अलग-अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। कोर्टिसोल हमें उन आदतों में का शिकार बना देता है जो अनहेल्थी है। ये हमारे दांतों पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं 5 तरीकों से तनाव दांतों को पहुंचाता है नुकसान।

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तनाव में खुद की देखभाल करना देते हैं छोड़
तनाव के समय खुद की देखभाल एक चुनौती बन जाती है। तनाव की स्थिति में लोग कार्बोहाइड्रेट और चीनी जैसी चीजों को खाना शुरू कर देते हैं। यह सब प्लाक बिल्ड-अप और क्षय का कारण बन सकता है। यह पीरियडोंटाइटिस जैसे मसूड़ों की समस्याओं को जन्म दे सकता है। जो मसूड़ों को ढीला करता है।

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ड्राई माउथ या ज़ेरोस्टोमिया
तनाव की वजह से लार का प्रोडक्शन कम होने लगता है। जिससे मुंह सूखने या ज़ेरोस्टोमिया की समस्या हो सकती है। ओरल हाइजिन के लिए लार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बहुत सारे खाद्य कणों को हटाने में एक बफर के रूप में काम करता है। इसमें एंजाइम भी होते हैं जो दांतों के रख रखाव में मदद करते हैं।

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जबड़े की जकड़न या ब्रुक्सिज्म
उच्च तनाव वाली नौकरी करने वाले लोगों में जबड़े का दबना काफी आम है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो तनाव होने पर कई लोग दांत या जबड़े को  भींचते हैं। यह मांसपेशियों को सक्रिय कर सकता है और इससे हमारे टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ (टीएमजे) में तनाव हो सकता है। इससे जबड़े और कान के आसपास तनाव और दर्द हो सकता है।जब आप अपना मुंह खोलते और बंद करते हैं, तब भी आपको कठिनाई का अनुभव हो सकता है, जिसे ब्रुक्सिज्म कहा जाता है।

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दांत पीसना
कई लोग तनावपूर्ण स्थिति से अपने दिमाग को भटकाने के लिए अपने दांत पीसते हैं। जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है। यह दांतों में सेंसटिविटी का कारण बनता है।कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि एक प्रोटीन को ट्रिगर कर सकती है जो सूजन पैदा कर सकती है या सबसे अधिक संभावना मसूड़े की सूजन या पीरियंडोंटाइटिस का कारण बन सकती है।

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अल्सर
तनाव के कारण भी छाले हो सकते हैं। आमतौर पर, सामयिक दवा इसका मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छा काम करती है।
 

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तनावग्रस्त होने पर दांतों का कैसे रखे ख्याल
योग और ध्यान आदि करके अपना तनाव कम करें। दांतों की सफाई के लिए अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए अपने डेंटिस्ट से संपर्क करें। अगर आपको टीएमजे जैसी क्लिंचिंग की समस्या है, तो एक नाइट गार्ड (एक पारदर्शी ट्रे) मददगार हो सकता है।अपने मुंह को साफ रखने के लिए नियमित रूप से ब्रश करना और फ्लॉस करना चाहिए। इसके साथ हर छह महीने पर डेंटिस्ट से मिलना चाहिए।

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