हैवी वर्कआउट के हैं शौकीन, तो हो जाएं अलर्ट,इस गंभीर बीमारी के हो सकते हैं शिकार
हेल्थ डेस्क.वैसे तो वर्कआउट सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन हैवी एक्सरसाइज को लेकर एक स्टडी में बड़ा खुलासा किया गया है। जिसके मुताबिक हाई इंटेंसिटी वाली कई एक्सरसाइज दिल के लिए जोखिम का कारण बन सकता है।
Nitu Kumari | Published : Jan 31, 2023 5:31 AM IST
हेल्थ एक्सपर्ट हर किसी को वर्कआउट करने की सलाह देते हैं। हेल्थ के लिए यह वरदान होता है। कई सारे रिसर्च में खुलासा किया गया है कि व्यायाम से कार्डियोवस्कुलर डिसीस (सीवीडी) यानी दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। सक्रिय शरीर होने से व्यक्ति के दिल के रोग होने का खतरा 30 से 40 प्रतिशत कम होता है।
लेकिन एक नई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि बहुत ज्यादा हैवी वर्कआउट करने से दिल को नुकसान पहुंच सकता है। दिल से जुड़ी कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मॉडरेट यानी संतुलन के साथ एक्सरसाइज करनी चाहिए।
उम्रदराज पुरुष एथलीटी को रिसर्च में किया गया शामिल
इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं ने वर्कआउट के समय और उसकी तीव्रता का दिल की बीमारियों के साथ कनेक्शन को जानने की कोशिश की। इसके लिए उम्रदराज पुरुष एथलीटी को रिसर्च में शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्सरसाइज की तीव्रता कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी की प्रगति से जुड़ी थी।
कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है
हैवी वर्कआउट अहम रूप से हाई एथेरोस्क्लेरोसिस और कैल्सीफाइड प्लाक बीमारी के विकास से संबंधित होते हैं। मतलब एथलीटों में भी हैवी इंटेंसिटी कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी की दीवारों के ऊपर और अंदर जमा होने वाला प्लाक यानी वसा और बैड कोलेस्ट्रॉल) का खतरा बढ़ा सकते हैं।
हल्की एक्टिविटी दिल के लिए सही
हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि लंबे वक्त तक पूरी दुनिया में यह माना जाता था कि जितनी ज्यादा शारीरिक मेहनत की जाएगी उतना दिल और शरीर के बाकी अंग सुरक्षित रहेंगे। लेकिन नई -नई रिसर्च में कुछ और ही सामने आ रहा है। हल्की फिजिकल एक्टिविटी दिल से जुड़ी बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है।
इस उम्र के लोगों पर ज्यादा खतरा
35-45 साल के पुरुषों और उम्रदराज एथलीटों में हैवी एक्सरसाइज कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम का कारण बन सकता है।दरअसल, कुछ एक्सरसाइज हृदय पर ज्यादा दबाव डाल सकता है। जिससे शरीर में हाई कैटेकोलामाइन स्तर का उत्पादन होता है जो किसी इंसान के हार्ट बिट्स और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। तेज हार्ट बिट्स एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को बढ़ा सकती है।
इतना ही नहीं इसके बढ़ने से तेज सिरदर्द, पसीना आना, दिल की धड़कन तेज होना, छाती में दर्द और एन्जाइटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये सारी चीजें दिल के लिए अच्छी नहीं होती है। इसलिए एक्सरसाइज संतुलित करें।