Belly Fat Linked Cancer: पेट की चर्बी से हो रहा कैंसर? ये नई स्टडी महिलाएं जरूर पढ़ें

Published : Oct 05, 2025, 09:09 PM IST
बैली फैट से कैंसर का खतरा?

सार

Why Internal Belly Fat More Dangerous Than Obesity: पेट की अंदरूनी चर्बी सिर्फ वजन बढ़ने की वजह नहीं, बल्कि महिलाओं में कुछ गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ा सकती है। नई स्टडी में बताया गया है कि इसे नजरअंदाज करना बीमारियों का खतरा पैदा कर सकता है।

पेट की चर्बी को हममें से ज्यादातर लोग सिर्फ कपड़े टाइट होने या फिगर बिगड़ने भर की समस्या समझते हैं। लेकिन हाल ही में आई एक स्टडी ने इस सोच को झटका दिया है। कहा जा रहा है कि पेट के अंदर जमा होने वाली गहरी चर्बी, जिसे मेडिकल भाषा में Visceral Fat कहा जाता है, महिलाओं में कुछ अग्रैसिव कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। यह चर्बी वो नहीं जो बाहर से दिखती है। कई बार किसी महिला का पेट बाहर से बिल्कुल फ्लैट दिखता है लेकिन अंदर उसके अंगों के आसपास फैट जमा होता रहता है। ये चर्बी लिवर, आंतों और प्रजनन अंगों तक जाकर असर डालती है। यही वजह है कि डॉक्टर अब कह रहे हैं सिर्फ वजन कम देखना जरूरी नहीं, यह जानना भी जरूरी है कि आपकी चर्बी कहां जमा हो रही है।

Visceral Fat इतनी खतरनाक क्यों मानी जाती है?

शरीर के अंदर जमा ये चर्बी एक तरह से साइलेंट एक्टिव फैट की तरह काम करती है। यह सिर्फ बैठी नहीं रहती, बल्कि लगातार शरीर में ऐसे केमिकल्स छोड़ती रहती है जो सूजन (Inflammation) को बढ़ाते हैं। यही सूजन धीरे-धीरे शरीर के हार्मोन सिस्टम को भी बिगाड़ने लगती है। महिलाओं में यह असर और ज्यादा दिख सकता है क्योंकि उनके शरीर में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन पहले से ही संवेदनशील होते हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जिन महिलाओं में पेट के अंदर चर्बी ज्यादा होती है, उनमें इंसुलिन बढ़ने की समस्या भी आम होती है। यही इंसुलिन, कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने का संकेत दे सकता है। इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि यह संबंध सीधे-सीधे कैंसर से भले न जुड़ा हो, लेकिन यह शरीर को ऐसे माहौल में जरूर ले जाता है जहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए कंडीशन तैयार हो सकती है।

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किन महिलाओं में खतरा ज्यादा?

ऐसी महिलाएं जो अधिकतर समय बैठे-बैठे काम करती हैं, जिनकी डाइट में चीनी और प्रोसेस्ड फूड ज्यादा है या फिर जिन्हें PCOS या ब्लड शुगर की समस्या है, उनमें Visceral Fat तेजी से जमा हो सकती है। खास बात यह है कि इस चर्बी को आंखों से देख कर पहचानना मुश्किल होता है। कई बार पतले दिखने वाले लोग भी इस चर्बी के शिकार होते हैं, जबकि मोटे दिखने वाले कई लोग बिल्कुल हेल्दी होते हैं।

क्या इस स्टडी से डरना चाहिए?

यह स्टडी किसी को डराने के लिए नहीं, बल्कि सचेत करने के लिए है। यह कहना गलत होगा कि पेट की चर्बी होने पर कैंसर होगा ही। लेकिन इतना जरूर कहना पड़ेगा कि यह चर्बी शरीर को ऐसे मोड़ पर ले जाती है जहां बीमारी के लिए रास्ते खुल जाते हैं। इसलिए इसे हल्के में लेने के बजाय वक्त रहते संभल जाना ही सबसे अच्छा है।

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इसका समाधान क्या है?

Visceral Fat को कम करने के लिए किसी भारी डाइट प्लान या जिम में घंटों पसीना बहाने की जरूरत नहीं है। सबसे जरूरी है नियमित चलना, चीनी कम करना, पूरा सोना और तनाव कम रखना। अगर कोई महिला रोज कम से कम 25-30 मिनट तेज चलने या हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना ले, तो शरीर धीरे-धीरे अंदर की इस चर्बी को भी तोड़ना शुरू कर देता है।

असली फिटनेस का रखें ख्याल

आज के समय में फिट दिखने की दौड़ में हम बाहरी तस्वीरों पर ज्यादा ध्यान देते हैं जैसे - पेट दिख रहा है या नहीं, कमर कितनी पतली है, वजन कितना है। लेकिन अब वक्त नजर बदलने का है। असली फिटनेस BMI या वजन का खेल नहीं है, बल्कि यह समझने की क्षमता है कि शरीर के अंदर क्या चल रहा है। इसलिए अगली बार जब आप हेल्थ को लेकर सोचें, तो आईने से नहीं बल्कि अंदर की चर्बी से सवाल करें। क्या तुम मुझे अंदर से मजबूत बना रही हो या कमजोर?

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