
हेल्थ डेस्क: हाई ब्लड प्रेशर की समस्या लगातार बढ़ रही है और इसके कई अलग-अलग कारण हैं। अब शोधकर्ताओं ने एक जीन म्यूटेशन की खोज की है जो एक सामान्य प्रकार के हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है और इसके लिए एक ट्रीटमेंट भी है। यह नई रिसर्च जर्नल एंड नेचर जेनेटिक्स में प्रकाशित हुई थी। हाई ब्लड प्रेशर वाले प्रत्येक बीस व्यक्तियों में से एक में होने वाली एक छोटी सौम्य गांठ इसका कारण है। ये नोड्यूल एल्डोस्टेरोन उत्पन्न करती है ये हार्मोन शरीर में नमक की मात्रा को नियंत्रित करता है। नवीनतम खोज से पता चला है कि इनमें से कुछ नोड्यूल में एक जीन म्यूटेशन है जो बड़े पैमाने पर हार्मोन का अतिउत्पादन का कारण बनता है।
हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों में हो रहा जीन म्यूटेशन
जीन म्यूटेशन कई मुद्दों का कारण बनता है, जिससे चिकित्सकों के लिए कुछ हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों का निदान करना मुश्किल हो जाता है। यह CADM1 नामक एक प्रोटीन को बाधित करती है, जो शरीर में कोशिकाओं को एक दूसरे से 'बात' करने से रोकती है और यह संकेत देती है कि यह एल्डोस्टेरोन का उत्पादन बंद करने का समय है। डॉक्टर विशेष रूप से एल्डोस्टेरोन के वेरिएबल रिलीज के बारे में चिंतित हैं, जो अपने चरम पर नमक और हाई ब्लड प्रेशर पैदा करता है। यह वेरिएशन बताती है कि क्यों जीन म्यूटेशन वाले लोग दिन के अलग-अलग समय पर ब्लक टेस्ट कराने के बाद भी इसका पता लगाने में असफल हो सकते हैं।
जीन म्यूटेशन के बाद कैसे होगा हाई ब्लड प्रेशर पेशेंट का इलाज
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि इस तरह के हाई ब्लड प्रेशर को यूनिलैटरल एड्रेनालेक्टोमी द्वारा ठीक किया जा सकता है इसमें से एक या दो एड्रिनल ग्लांड को हटाकर। डॉक्टरों ने पाया कि इसे हटाने के बाद कई दवाओं के साथ उपचार के बावजूद पहले का गंभीर उच्च रक्तचाप गायब हो गया, जिसके बाद के कई वर्षों के अवलोकन के दौरान किसी उपचार की आवश्यकता नहीं थी।
एल्डोस्टेरोन के कारण उच्च रक्तचाप वाले 1% से कम लोगों की पहचान की जाती है क्योंकि संभावित कारण के रूप में एल्डोस्टेरोन को नियमित रूप से नहीं मापा जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि एल्डोस्टेरोन को एक बार के रक्त माप के बजाय 24 घंटे के मूत्र परीक्षण के माध्यम से मापा जाता है। ताकि उच्च रक्तचाप के साथ रहने वाले अधिक लोगों की खोज की जा सके। इस अध्ययन में प्रारंभिक रोगी का पता तब चला जब डॉक्टरों ने कठिन उच्च रक्तचाप के उपचार के नैदानिक परीक्षण में भाग लेने के दौरान उनके हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव देखा।
एड्रिनल ग्लांड में एक जीन म्यूटेशन बना खतरा
उच्च रक्तचाप वाले अधिकांश लोगों में इस बीमारी का कारण अज्ञात है। इस स्थिति में उम्रभर दवाओं के साथ उपचार की आवश्यकता होती है। क्वीन मैरी के समूह द्वारा पिछले शोध में पाया गया कि उच्च रक्तचाप वाले 5-10% लोगों में कारण एड्रिनल ग्लांड में एक जीन म्यूटेशन है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक मात्रा में एल्डोस्टेरोन का उत्पादन होता है। एल्डोस्टेरोन नमक को शरीर में बनाए रखता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। ऐसे में जब मरीज उच्च रक्तचाप के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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