चमत्कार!एक दिन में 6 बार कार्डियक अरेस्ट, फिर भी बच गया 21 साल का युवक

कार्डियक अरेस्ट होने पर इंसान की जिंदगी जा सकती है। लेकिन भारतीय अमेरिकी छात्र को एक दिन में छह बार कार्डियक अरेस्ट आया और उसे बचा लिया गया। जिसके बाद छात्र ने एक अहम फैसला लिया।

हेल्थ डेस्क. यूं ही डॉक्टर को भगवान नहीं कहते हैं...लंदन में पढ़ रहे एक भारतीय अमेरिकी छात्र को ऐसी स्थिति में बचा लिया गया, जहां उसका बचना ना के बराबर था। अतुल राव नाम के छात्र को एक दिन में छह बार कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) आया। लेकिन वो आज जिंदा है। इतना ही नहीं दोबारा जिंदगी पाने के बाद उसने डॉक्टरी पेशा अपनाने का फैसला किया। तो चलिए पूरा माजरा बताते हैं।

सिएटल के रहने वाले और टेक्सास के बायलर यूनिवर्सिटी के छात्र अतुल राव के फेफड़ों में खून का थक्का जम गया, जिसकी वजह से हार्ट में ब्लड का फ्लो रुक गया। इस स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म (pulmonary embolism) कहा जाता है। इसके कारण उन्हें कार्डियक अरेस्ट हो गया। घटना 27 जुलाई 2023 की है। उनके साथी ने अतुल को अचानक गिरते हुए देखा। जिसके बाद मेडिकल इमरजेंसी को बुलाया गया। इस बीच उन्हें सीपीआर कॉलेज के सुरक्षा गार्ड द्वारा दिया गया। अस्पताल में ले जाने के बाद उनका इलाज किया गया और वो जिंदा बच गए।

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डॉक्टर ने युवक को बचाने में कठिन मेहनत की

एम्बुलेंस सेवा के पैरामेडिक निक सिललेट ने बताया कि 'आखिरी बार जब मैंने अतुल को देखा तो मुझे नहीं लगा कि वह जीवित बचेगा। ऐसी भयानक खबर देने के बाद उनसे दोबारा मिलना और उनके माता-पिता से बात करना इस नौकरी में मेरे 18 वर्षों में एक बहुत ही खास क्षण था।' अस्पताल पहुंचने के बाद तक उसे छह कार्डियक अरेस्ट आ चुके थे। डॉक्टर ने उन्हें बचाने के लिए कड़ी मेहनत की। खून का थक्का खत्म करने वाली दवाओं ने काम करना शुरू किया। उन्हें बचाने के लिए अन्य जीवन रक्षक मशीनों की मदद ली गई। जिसके बाद वो बच पाए।

अतुल मेडिकल के क्षेत्र में बना रहा अब करियर

वहीं, अतुल अब मेडिकल में अपना करियर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं जीवन में अपने दूसरे मौके का उपयोग दूसरों की मदद करके करना चाहता हूं। तो चलिए बताते हैं पल्मोनरी एम्बोलिज्म (pulmonary embolism) क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं।

क्या है पल्मोनरी एम्बोलिज्म

पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई) एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें शरीर में रक्त वाहिकाओं में से एक में खून का थक्का बन जाता है जो बाद में फेफड़ों तक जाता है। यह ब्लड के फ्लो को रोक देता है। पीई के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, हालांकि, अगर लंबे समय तक इलाज न किया जाए तो ये गंभीर हो सकते हैं।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण

सांस फूलना, काम करने की स्थिति में हालत खराब होना

सीने में तेज दर्द या बेचैनी

अनियमित या तेज़ दिल की धड़कन.

खांसी के साथ खून या थूक में खून आना।

पसीना आना, चक्कर आना या बेहोश होना।

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