क्यों लगती है नशीली दवाओं की लत? ऐसे तुरंत पहचानें लक्षण

Published : Jun 26, 2025, 09:54 AM IST
international Day Against Drug Abuse

सार

Drug addiction: हर साल 26 जून को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी विरोधी दिवस। जानें ड्रग एडिक्शन के लक्षण, कारण और इसके शरीर व दिमाग पर असर।

Drug Addiction Symptoms: हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। नशीली दवाओं का सेवन और उनकी खरीदी आदि ग्लोबल प्रॉब्लम के रूप में सामने आ रहा है। बच्चों से लेकर वयस्क नशीली दवाओं का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों के बीच में ड्रग एब्यूज के बारे में जानकारी फैलाना है। अगर आपको को भी नशीली दवाओं के सेवन और उनके नुकसान के बारे में नहीं पता है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। 

नशीली दवाओं की लत का क्या मतलब है?

नशीली दवाओं का सेवन करना एक प्रकार का विकार या डिसआर्डर है। नशीली दावों को खाने से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। शराब, मारिजुआना और निकोटिन जैसे पदार्थों को ड्रग माना जाता है। जब कोई व्यक्ति इसका आदी हो जाता है तो उसे रोजाना इनकी जरूरत पड़ती है।

अक्सर लोग मनोरंजन के रूप में नशीली दवाओं का उपयोग करना शुरू करते हैं लेकिन धीरे-धीरे लत लग जाती है। नशे की लत के अपने जोखिम है और व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नशीली दवाओं के सेवन से व्यक्ति शारीरिक रूप से खुद को बीमार महसूस करता है और विभिन्न प्रकार के लक्षण भी दिखने लगते हैं। 

नशीली दवाओं की लत क्यों लगती है?

नशीली दवाओं का सेवन करने से डोपामाइन सिस्टम एक्साइटेड हो जाता है।इस कारण से व्यक्ति आनंद महसूस करता है। जब लंबे समय तक दवाओं का सेवन किया जाता है तो दिमाग में दवा खाने की तीव्र इच्छा महसूस होती है।

नशीली दवाओं की लत के लक्षण

  1. नशीली दवाओं की लत लगने पर व्यक्ति को बार-बार दवा खाने की इच्छा होती है। कई बार व्यक्ति डोज के अलावा भी अधिक मात्रा में दवा का सेवन करता है।
  2. दवा लेना बंद करने पर शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस होना।
  3. व्यक्ति हमेशा जांच करता रहता है कि उसकी दवा कहीं खत्म तो नहीं हो गई? 
  4. व्यक्ति दवाओं के लिए अधिक पैसा भी खर्च करने के लिए तैयार हो जाता है। 
  5. नशीली दवाओं के सेवन के लिए व्यक्ति सामाजिक के साथ मनोरंजक गतिविधियों में भी कटौती करना शुरू कर देता है। नशीली दावों का सेवन तब तक जारी रखा जाता है जब तक की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान न पहुंचे। कुछ लोग तो किसी भी तरह के नुकसान की परवाह नहीं करते और नशीली दावों का सेवन जारी रखते हैं।

 

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