
जून 2025 में पब्लिश यूनाइटेड स्टेट्स रीनल डेटा सिस्टम (USRDS) के आंकड़ों से साफ पता चलता है कि वयस्कों में किडनी फेल होने की घटनाएं बढ़ रही हैं लेकिन लगभग 20 सालों से बच्चों में क्रॉनिक किडनी डिजीज के मामलों में वृद्धि हुई है। यानी कि किडनी की समस्या सिर्फ बड़े या बुजुर्गो नहीं बल्कि बच्चों में भी बढ़ रही हैं। जानिए आखिर क्या है क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) और कैसे ये बच्चों के लिए खतरा बन रही है।
क्रॉनिक किडनी डिजीज होने के कारण किडनी फेल होने का खतरा बना रहता है और इसके साथ ही दिल के रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों की किडनी की बीमारे के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें। क्रॉनिक किडनी डिजीज का विकास उन बच्चों पर अधिक होता है जो किडनी को ट्रांसप्लांट करा चुके हैं या फिर डायलिसिस करा रहे हैं। बच्चों में किडनी की बीमारी जन्मजात हो सकती है। जानिए किडनी की बीमारी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
किडनी की खराबी होने पर शरीर में एक नहीं बल्कि कई लक्षण नजर आते हैं। प्रारंभिक लक्षणों में आंखों के आसपास सूजन होना, घुटनों में सूजन आना, पेशाब में झाग आना, शरीर के विकास में समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, कम हीमोग्लोबिन का स्तर आदि लक्षण नजर आते हैं।
नेफ्रोलॉजी और ट्रांसप्लांट फिजिशियन कंसल्टेंट डॉ. श्याम सुंदर नोवाल एनडीटीवी को बताते हुए कहते हैं कि क्रॉनिक किडनी डिजीज के लक्षण साइलेंट होते हैं। बच्चों में हेल्दी किडनी के लिए निम्नलिखित बदलाव किए जा सकते हैं।