
हेल्थ डेस्क: शरीर के विकास और उपापचय क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली ग्रंथि है थायराइड। थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम होना हाइपोथायरायडिज्म कहलाता है। थायराइड ग्रंथि द्वारा अधिक हार्मोन उत्पादन हाइपरथायरायडिज्म कहलाता है। गर्दन में सूजन, गांठ, आवाज में भारीपन, मांसपेशियों में दर्द, वजन का बढ़ना (हाइपोथायरायडिज्म) या घटना (हाइपरथायरायडिज्म), चिंता, अवसाद, बालों का झड़ना आदि थायराइड के संकेत हो सकते हैं।
थायराइड को नियंत्रित करने के उपाय
1. संतुलित आहार थायराइड को नियंत्रित करने में सहायक होता है। विटामिन, खनिज और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन, फल और सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं।
2. सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ थायराइड के लिए फायदेमंद होते हैं। ये थायराइड हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इसके लिए ब्राजील नट्स, सूरजमुखी के बीज आदि का सेवन करें।
3. शरीर में पर्याप्त आयोडीन होना जरूरी है। आयोडीन युक्त भोजन का सेवन करें।
4. विटामिन डी की कमी से थायराइड की समस्या हो सकती है। इसलिए शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिले यह सुनिश्चित करें। इसके लिए विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
5. ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन थायराइड के लिए हानिकारक होता है। इसलिए ग्लूटेन से पूरी तरह परहेज करें।
6. प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ थायराइड के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके लिए दही आदि का सेवन करें।
7. धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें। धूम्रपान थायराइड के इलाज को प्रभावित कर सकता है।
8. तनाव कम करें और नियमित व्यायाम करें।
ध्यान दें: ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देने पर स्वयं इलाज करने की कोशिश न करें, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। डॉक्टर द्वारा ही बीमारी की पुष्टि की जा सकती है। साथ ही, आहार में बदलाव करने से पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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