
मालदीव्स दुनिया का पहला एक ऐसा देश बन गया है, जिसने जेनरेशनल स्मोकिंग बैन लगा दिया है। यह एक खास तरह का नियम है, जो एक उम्र याद तबके के लोगों को स्मोकिंग करने से रोकता है। जेनरेशनल स्मोकिंग बैन एक पॉलिसी है, जिसमें विशेष साल या उसमें जन्म लेने वाले लोगों को सिगरेट या तंबाकू खरीदने पर बैन लगाया जाता है। इस कदम से युवा पीढ़ी को तंबाकू के जोखिम से बचाने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं इसके बारे में अधिक जानकारी।
मालदीव्स ने पीढ़ी दर पीढ़ी स्मोकिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां पर 1 जनवरी 2007 के बाद पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को स्मोकिंग या फिर तंबाकू खरीदने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नए प्रतिबंध तब सामने आया है जब 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस द्वीप में पिछले साल ही धूम्रपान कम करने का प्रयास किया गया था और वेपिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। स्मोकिंग या तंबाकू के कारण दुनिया में तंबाकू महामारी फैल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि तंबाकू हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों के लिए मौत का जिम्मेदार बन रहा है।
2021 में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि मालदीव्स में 15 से अधिक उम्र की लगभग एक चौथाई आबादी तंबाकू का सेवन कर रही है। तंबाकू शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है और उससे कैंसर, स्ट्रोक और हार्ट डिजीज जैसे मामले बढ़ते हैं। ऐसे में इस कदम से आने वाली पीढ़ी को बड़ी बीमारियों से बचाने में मदद मिलेगी।
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स्मोकिंग या तंबाकू छोड़ने पर शरीर में सकारात्मक असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में धीरे-धीरे कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामान्य होने लगता है। सिगरेट के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड मौजूद होती है, जो ब्लड में ऑक्सीजन के कणों की जगह लेता है। जब कार्बन मोनोऑक्साइड खत्म हो जाती है, तो ऑक्सीजन का लेवल भी सामान्य हो जाता है। अगर समय पर धूम्रपान छोड़ दिया जाए तो मुंह, ग्रासनली, मूत्राशय, गुर्दे आदि के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
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