
Future Of Organ Donation: दुनियाभर के मेडिकल हिस्ट्री में एक अभूतपूर्व प्रयोग दर्ज किया गया है। चीन के आन्हुई (Anhui) प्रांत में एक 71 वर्षीय व्यक्ति ने सूअर के लीवर ट्रांसप्लांट के बाद 38 दिन तक जीवन जिया, जिसे वैज्ञानिक अब तक की सबसे सफल सर्जरी बता रहे हैं। यह मरीज लिवर कैंसर और हेपेटाइटिस बी से गंभीर रूप से पीड़ित था और उसके पास इलाज के सभी ऑप्शन खत्म हो चुके थे। डॉक्टरों ने उसके शरीर में जेनेटिकली मॉडिफाइड (आनुवंशिक रूप से बदले गए) सूअर का लीवर ट्रांसप्लांट किया। यह लीवर पूरे 38 दिन यानी लगभग 5 सप्ताह तक सामान्य रूप से काम करता रहा।
हालांकि बाद में रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) बनने की समस्या के चलते इस अंग को हटाना पड़ा। इसके बावजूद मरीज ने सर्जरी के बाद 171 दिन यानी लगभग छह महीने तक जीवन जिया, जो अब तक किसी इंसान के शरीर में सूअर के अंग के साथ जीने की सबसे लंबी अवधि में से एक है।
इससे पहले सूअर के लीवर के साथ सबसे ज्यादा 10 दिन तक एक ब्रेन-डेड (मस्तिष्क मृत) मरीज को जिंदा रखा गया था। लेकिन यह पहला मौका है जब जिंदा इंसान में सूअर का लीवर इतनी देर तक काम करता रहा। आन्हुई मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े सर्जन डॉ. बाईचेंग सन (Beicheng Sun) ने कहा कि यह केस साबित करता है कि जेनेटिकली इंजीनियर्ड सूअर का लीवर इंसान के शरीर में लंबे समय तक काम कर सकता है। यह एक पिवोटल स्टेप फॉरवर्ड (अत्यंत महत्वपूर्ण कदम) है, जो इस दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद दिखाता है।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूअर के अंग आकार और संरचना में मानव अंगों से काफी मेल खाते हैं। आधुनिक जीन एडिटिंग तकनीक की मदद से इन अंगों को इस तरह बदला जा सकता है कि मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली (immune system) उन्हें अस्वीकार न करे।
यह अध्ययन जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी (Journal of Hepatology) में पब्लिश हुआ है। जर्नल के संपादक डॉ. हाइनर वेडेमेयर (Heiner Wedemeyer) ने कहा कि ट्रांसप्लांटेशन का एक नया युग शुरू हो चुका है। यह प्रयोग आने वाले समय में उन लाखों लोगों के लिए जीवनदान साबित हो सकता है जो अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) की वेटिंग लिस्ट में हैं।
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