बारिश में भीगना पड़ेगा भारी, हो सकती हैं ये 5 बीमारी

मानसून का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। बारिश में भीगने के बाद अगर आपने अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखा, तो आपको सांस की बीमारियों से लेकर त्वचा संक्रमण तक का सामना करना पड़ सकता है।

Shivangi Chauhan | Published : Aug 13, 2024 10:03 AM IST

हेल्थ डेस्क: चिलचिलाती गर्मी के बाद आया मानसून का मौसम जारी है। इसकी वजह से कई लोग राहत की सांस ले रहे हैं तो कईयों के लिए बरसात आफत बन चुकी हैं। क्योंकि बरसात का सीजन अपने साथ कई हेल्थ संबंधी चुनौतियां भी लेकर आता है। लेकिन फिर भी बारिश में भीगना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए। क्योंकि अगर आपने बारिश में भीगने के बाद ठीक से हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया तो आपको काफी मुश्किल हो सकती है और यह कई हेल्थ प्रोब्लम्स को पैदा कर सकता है। सांस संबंधी समस्याओं से लेकर स्किन इश्यूज तक, बरसात में भीगना हेल्थ को कई तरह से प्रभावित कर सकता है।

रेस्पिरेटरी इंफेक्शन: मानसून की बारिश से ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और अस्थमा के अटैक जैसे ब्रीदिंग संक्रमण बढ़ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश के पानी में प्रदूषक होते हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। भीगने के बाद जितनी जल्दी हो सके सूख जाना और गर्म हो जाना सुनिश्चित करें।

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हाइपोथर्मिया: ठंडे बारिश के पानी के अत्यधिक संपर्क में आने से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 95 डिग्री से नीचे चला जाता है, जिससे कंपकंपी, भ्रम और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो हाइपोथर्मिया से हृदय गति रुक ​​सकती है।

स्किन संबंधी समस्याएं: बारिश के पानी में प्रदूषक और बैक्टीरिया हो सकते हैं जो आपकी त्वचा को परेशान कर सकते हैं। बारिश के पानी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से स्किन पर चकत्ते, फंगल इंफेक्शन या स्किन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द: भीगने और फिर ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से आपका शरीर तनावग्रस्त हो सकता है, जिससे मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द हो सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सच है जिन्हें गठिया या जोड़ों की समस्या है। भीगने के बाद, मांसपेशियों और जोड़ों की परेशानी से बचने के लिए जल्दी बॉडी को गर्म करें।

गंदे पानी के रोग: बाढ़ का पानी जल स्रोतों को दूषित कर सकता है, जिससे हैजा, टाइफाइड और दस्त जैसी जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर इन बीमारियों का इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा हो सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आप केवल शुद्ध पानी ही पिएं और स्ट्रीट वेंडर से मिलने वाले भोजन या पानी का सेवन करने से बचें।

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