Cancer Survival: मां-बेटी को एक साथ हुआ कैंसर, भयानक बीमारी को दी ऐसे मात

Published : Apr 30, 2025, 07:24 PM IST
mother daughter cancer survival story

सार

Hereditary cancer: जानिए कैसे एक मां-बेटी की जोड़ी ने समय पर अनुवांशिक परीक्षण कर कैंसर की गंभीर बीमारी को मात दी। BRCA2 म्यूटेशन और प्रोफिलैक्टिक सर्जरी से कैसे बचाया जा सकता है स्तन कैंसर का खतरा।

Cancer Survival Story: कम उम्र में कैंसर की जांच करने के बारे में अक्सर लोग नहीं सोचते हैं। लोगों को लगता है कि अगर हम स्वस्थ हैं तो कैंसर जैसी बीमारी की जांच करने का कोई फायदा नहीं। आपको बताते चले कि कैंसर की बीमारी वंशानुगत भी होती है। अगर परिवार में माता-पिता, बाबा-दादी आदि को कैंसर हो चुका है तो संभावना रहती है कि उनके बच्चे या अगली पीढ़ी में भी कैंसर जीन का उत्परिवर्तन देखने को मिले। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब मां और बेटी दोनों में कैंसर म्यूटेशन की बात सामने आई। आईए जानते हैं कैसे मां और बेटी ने इस बीमारी में जानकारी मिली और कैसे इसका सामना किया। 

जीन म्यूटेशन से स्तन कैंसर का खतरा

म्यूटेशन दो प्रकार के होते हैं। एक म्यूटेशन व्यक्ति को परिवार से मिलता है वही दूसरा जीन म्यूटेशन खराब खानपान या कोशिका के कारण होता है। सभी कोशिकाओं में प्रत्येक जीन की दो प्रतिया होती हैं जो एक मां से और एक पिता से मिलती है। अगर किसी को brca1 या brca2 म्यूटेशन होता है तो वह भविष्य में स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की रिपोर्ट की माने तो इन दोनों प्रकार के जीन उत्परिवर्तन से करीब 60% से ज्यादा महिलाओं में स्तन कैंसर विकसित होता है।

समय रहते मां-बेटी ने कैंसर को दी शिकस्त

hollingscancercente में प्रकाशित खबर के मुताबिक डेबी हरमन और एमिली हगिन्स नाम की 2 महिलाओं को आनुवंशिक परीक्षण की मदद से कैंसर के बारे में जानकारी मिली थी। हगिन्स को अपनी मां के BRCA2 म्यूटेशन के कुछ समय बाद ही पता कैंसर का पता चला था। डेबी हरमन ने डबल मास्टेक्टॉमी की मदद लेकर कैंसर के शुरुआती चरण को खत्म कर दिया। वहीं एमिली हगिन्स ने प्रोफिलैक्टिक मास्टेक्टॉमी की मदद से दोनों स्तनों को हटा दिया गया। जिससे करीब 95% तक कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

मां-बेटी इस बात को मानती हैं कि अगर उन्होंने अनुवांशिक परीक्षण नहीं कराया होता तो उन्हें कैंसर बुरी तरीके से प्रभावित करता। समय पर जांच करा लेने से उन्हें कैंसर के बारे में पहले से जानकारी मिल गई। इसके बाद डॉक्टर से विचार विमर्श करके उन्होंने कैंसर का ट्रीटमेंट लिया। आज वह बेहतरीन जिंदगी जी रही हैं और अपने सही परिणाम के लिए खुद को शुक्रिया अदा कर रही हैं।

 

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