अल्जाइमर पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। अमेरिका में 60 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी के शिकार हैं। भारत में भी यह आंकड़ा बढ़ रहा है। अगर हम जवानी में ही एक एक्सरसाइज पर फोकस करें तो इस लाइलाज बीमारी के जोखिम से दूर रह सकते हैं।
हेल्थ डेस्क. अल्जाइमर न्यूरोलॉजिकल विकार से जुड़ा मामला है। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में अल्जाइमर (alzheimer)की समस्या को देखा जाता है। हालांकि अब व्यस्क भी इसके शिकार हो रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल और मोटापा इस बीमारी की वजह बन रही है। हालांकि अल्जाइमर के जोखिम को हम रोक सकते हैं। शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि अगर आप अपनी मांसपेशियों पर काम करते हैं तो इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को रोक सकते हैं या फिर उसे डिले कर सकते हैं।
साओ पाउलो के फेडरल यूनिवर्सिटी और ब्राजील के साओ पाऊल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात का पुख्ता सबूत दिया है कि रेजिस्टेंस ट्रेनिंग एक्सरसाइज (मांसपेशियों पर काम होता है) किया जाता है तो अल्जाइमर रोगियों के मस्तिष्क पर पॉजिटिव असर पड़ता है। हालांकि यह शोध अभी चूहों पर किया गया है लेकिन वहीं सिद्धांत को इंसान पर लागू करने की संभावना है।
क्या है अल्जाइमर बीमारी
अल्जाइमर रोग तंत्रिका संबंधी विकार है जिसके कारण मस्तिष्क का कुछ हिस्सा सिकुड़ जाता है। इसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं में क्षति हो सकती है। इस बीमारी को डेमेंशिया के सबसे आम कारणों में से एक माना जाता है। इस बीमारी में सोचने, व्यवहार करने और सामजिक कौशल में लगातार गिरावट आती है। डेली कामकाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अल्जाइमर के लक्षण (alzheimer symptoms)
चीजों को याद रखने में कठिनाईं।
लोगों का नाम भूल जाना, चेहरा पहचाने में दिक्कत।
बोलने या लिखने में परेशानी।
निर्णय लेने में दिक्कत होना।
पहले जो कम आसानी से कर लेते थे उसे अब करने में काफी दिक्कत होना।
समस्याओं का समाधान कर पाने में दिक्कत होना।
मनोदशा और व्यक्तित्व में परिवर्तन।
इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
अल्जाइमर का इलाज (alzheimer treatment )
अल्जाइमर का कोई सटीक इलाज नहीं बना है। इसके लिए ना कोई दवा है। हालांकि थेरेपी के जरिए इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज करने पर फोकर करने के लिए डॉक्टर कहते हैं। हेल्दी डाइट,शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए कहा जाता है। ये बीमारियां भी अल्जाइमर का कारण बन सकते हैं।
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