मरने वाले लोगों के दिमाग में होती है रहस्यमय हलचल, सांइटिस्ट का खुलासा

Published : May 02, 2023, 03:24 PM IST
Covid-19 could cost some patients' brains to age 10 years

सार

साइंटिस्टों का दावा है कि जब इंसान मौत के मुंह में जाता है तो उस पल में उसके दिगाम में एक अजीब सी हलचल होती है। आइए जानते हैं पूरे रिसर्च के बारे में जिसे 'मिशिगन यूनिवर्सिटी' के साइंटिस्टों ने किया है।

हेल्थ डेस्क. किसी व्यक्ति के मरने के अंतिम क्षणों के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिकों ने मरने वाले चार रोगियों में ईईजी (EEG) और ईसीजी (ECG) संकतों का विश्लेषण किया। जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले थे। उन्होंने देखा कि मरने वाले पलों में उनके दिमाग में एक रहस्यमी हलचल होती है।

दुनिया भर के न्यूरोसाइंटिस्ट (Neuroscientists) मस्तिष्क के रहस्यों को उजागर करने में लगे हैं। साइंटिस्टों ने अब दो लोगों के मस्तिष्क में एक रहस्मयी एक्टिविटी की पहचान की है जो मरने के कगार पर थे। जैसे ही उनकी मौत हुई उनके दिमाग में हलचल तेज हो गई थी।

चार कोमा में गए रोगियों पर किया गया शोध 

किसी व्यक्ति के मरने के अंतिम क्षणों के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, अमेरिका स्थित मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने वेंटिलेटरी सपोर्ट वापस लेने से पहले और बाद में मरने वाले चार रोगियों में इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) संकेतों का विश्लेषण किया। ये चारों मरीज कोमा की स्थिति में थे।

गामा तरंग तेजी से फटा

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश एनालिसिस बताते है कि मरने वाले दो मरीजों के दिमाग में उत्तेजित गामा एक्टिविटी को देखा गया।इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफिक (ईईजी) रिकॉर्डिंग में मस्तिष्क के एक हिस्से में गामा तरंगों के तेज फटने का पता चला जो लंबे समय तक दोनों गोलार्द्धों में फैल गया। यह कार्डियक अरेस्ट के प्रभाव नहीं थे बल्कि यह मरने से पहले की एक्टिविटी थे।

वैज्ञानिकों ने पेपर में कहा, "कार्डियक अरेस्ट के समय मस्तिष्क के कार्य को खराब तरीके से समझा जाता है। जबकि स्पष्ट चेतना का नुकसान हमेशा कार्डियक अरेस्ट से जुड़ा होता है, यह स्पष्ट नहीं है कि मरने की प्रक्रिया के दौरान मरीजों में गुप्त चेतना हो सकती है या नहीं।"

गामा तरंग इस चीज से है जुड़ा

गामा तरंग शुरू में मस्तिष्क के एक हिस्से में स्थित होती है जिसे गर्म क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। अतीत में सपने देखने वाले लोगों से यह जुड़ा होता है। जो लोग दृश्य मतिभ्रम होने की बात करते हैं उनके दिमाग में भी यह तरंग देखा जाता है। हालांकि, गामा तरंगों के ऊंचे स्तर के कारण उन्होंने जो देखा, उसका वर्णन करने के लिए मरीज जीवित नहीं रहे।

और रिसर्च की है जरूरत 

वैज्ञानिकों का कहना है कि तंत्र और शारीरिक महत्व का पूरी तरह इस रिसर्च में पता लगाया जाना पाकी है। लेकिन यह डेटा दिखाती है कि मरने वाला मस्तिष्क अभी भी एक्टिव हो सकता है। वैज्ञानिक कार्डिएक अरेस्ट के दौरान मस्तिष्क की भूमिका के फिर से आंकलन करने की जरूरत पर जोर देते हैं।

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