
Navratri Fasting Benefits In Hindi: नवरात्रि व्रत महज एक धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा ही नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन दोनों को रीसेट करने का एक बेहतरीन मौका भी है। व्रत के दौरान हम सात्विक भोजन करते हैं। लहसुन-प्याज जैसी चीजों से दूर रहते हैं। डाइट में फल, ड्राई फ्रूट्स, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंहाड़ा जैसी चीजों को शामिल करते हैं। तेल-मसाले से दूर जब हम सात्विक और कम मात्रा में भोजन करते हैं, तो ये शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। आइए जानते हैं, व्रत हमारे शरीर पर कैसे वर्क करता है।
नवरात्रि व्रत के नियम लोगों को भोजन के प्रति जागरूक बनाते हैं। यह सजगता व्रत खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा देती है। संतुलित और अच्छी डाइट लेने के लिए यह व्रत हमें प्रोत्साहित करता है।
नवरात्रि में लोग प्रसंस्कृत (processed) भोजन और भारी अनाज (गेहूं, चावल) से दूरी बनाते हैं। इसके स्थान पर ताजे फल, सब्जियां और कुट्टू, सिंहाड़ा, राजगीरा जैसे ऑप्शन अपनाए जाते हैं। यह बदलाव शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
भारी और तैलीय भोजन से बचने पर पाचन तंत्र को आराम मिलता है। फल और सब्जियों में मौजूद फाइबर आंतों की सफाई करता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं।
साबूदाना, शकरकंद और फल दिनभर एनर्जी देते हैं। बादाम, अखरोट और कद्दू के बीज जैसे मेवे शरीर को प्रोटीन और हेल्दी फैट्स देकर इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
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हल्का और हेल्दी डाइट लेने से कैलोरी अपने आप नियंत्रित हो जाती है। तली-भुनी चीजो से परहेज वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म सुधारने में मदद करता है।
कुट्टू और राजगीरा जैसे आटे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता। दही, पनीर और मेवों जैसे प्रोटीन स्रोत इसे और बैलेंस बनाते हैं।
हल्का भोजन लेने और ध्यान-प्रार्थना करने से मन शांत होता है। व्रत के दौरान अधिकतर लोग मेंटल क्लियरिटी, शांति और तनाव में कमी अनुभव करते हैं।
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