
Drinkable Sunscreen: गर्मी का मौसम आते ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल बढ़ जाता है। ये त्वचा को सूरज और उसकी हानिकारक किरणों से बचाता है। अब तक सनस्क्रीन को सिर्फ चेहरे और शरीर पर लगाने वाली क्रीम या स्प्रे ही माना जाता रहा है, लेकिन अब एक नया ट्रेंड वायरल हो रहा है, 'ड्रिंकेबल सनस्क्रीन'...
जी हां, अब त्वचा को धूप से बचाने के लिए सिर्फ बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी सुरक्षा दी जा सकती है। ये नया कॉन्सेप्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, खासकर इस गर्मी के मौसम में। आइए जानते हैं क्या है ये सनस्क्रीन और कैसे टैनिंग से बचाता है ये...
ड्रिंकेबल सनस्क्रीन एक तरह का सप्लीमेंट ड्रिंक है, जिसमें कुछ प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और जड़ी-बूटियां होती हैं, जो त्वचा को यूवी किरणों के नुकसान से बचाने में मदद करती हैं। इन्हें धूप में काफी कारगर बताया जा रहा। इनकी वजह से त्वचा टैनिंग जैसी समस्याओं से बची रहेगी। ये ड्रिंक पाउडर, कैप्सूल या लिक्विड फॉर्म में आते हैं, जिन्हें आप पानी में मिलाकर पी सकते हैं.
दावा किया जा रहा है कि पीने योग्य सनस्क्रीन में मौजूद तत्व जैसे बीटा कैरोटीन, लाइकोपीन, एस्टैक्सैंथिन, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट, विटामिन सी और विटामिन ई शरीर के भीतर से त्वचा की प्राकृतिक रक्षा शक्ति को बढ़ाते हैं। ये तत्व मुक्त कणों को रोकते हैं और यूवी किरणों से होने वाली टैनिंग, झाइयों और त्वचा को होने वाले नुकसान को कम करते हैं।
गर्मियों में लोग धूप से बचने के लिए हर तरह के उपाय आजमाना चाहते हैं, जिसकी वजह से पीने योग्य सनस्क्रीन चर्चा में है। यह पसीने से घुलता नहीं है, इसलिए कई उपयोगकर्ता इसे ज़्यादा सुविधाजनक मानते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि इन ड्रिंक्स का इस्तेमाल सहायक उपचार के तौर पर किया जा सकता है, लेकिन यह पारंपरिक सनस्क्रीन की जगह नहीं ले सकता। त्वचा को धूप से बचाने के लिए एसपीएफ क्रीम लगाना बेहतर है।