अखबार पर रखकर पकोड़े का स्वाद? जरा रुकिए, बहुत काम की है ये खबर

बारिश में गरमागरम पकोड़े खाने का मन तो सबका करता है, लेकिन अखबार में लपेटकर खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, अखबार की स्याही में मौजूद रसायन खाने में मिल जाते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।

rohan salodkar | Published : Oct 23, 2024 6:21 AM IST / Updated: Oct 23 2024, 12:04 PM IST

बारिश हो रही है, ठंड हो रही है। सड़क किनारे तेल में तले हुए प्याज के पकोड़े और मिर्च के बड़े खाने का मन करता है। ये इतने स्वादिष्ट होते हैं कि अगले दिन भी खाने का मन करता है। कुछ लोगों को घर के पकोड़े भी अखबार में रखने की आदत होती है। कई लोग सोचते हैं कि इससे पकोड़े कुरकुरे रहते हैं।लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अखबार में पैक किए हुए तले हुए स्नैक्स खाना बहुत खतरनाक है। ऐसा करके आप अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

अखबार में लपेटकर खाना रखना क्या सही है?

हम आमतौर पर गर्म खाना प्लास्टिक की थैलियों में रखने से बचते हैं। क्योंकि इससे माइक्रोप्लास्टिक हमारे पेट में जाता है। यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है। ज्यादातर लोग पॉलिथीन प्लास्टिक बैग की तुलना में अखबारों को बेहतर मानते हैं। पेपर बैग का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अखबार में लिपटा खाना भी सुरक्षित नहीं है। यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि यह कई बीमारियों को न्योता देता है।

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डॉ. ने शेयर किया आंखें खोल देने वाला वीडियो

प्रसिद्ध हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रवि के. गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस बारे में एक आँखें खोलने वाला वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे कहते हैं कि सड़कों पर अखबारों में लिपटे तले हुए पकोड़े, उस अखबार से आपको ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं। जब आप तले हुए खाने को अखबार में लपेटते हैं, तो उसमें मौजूद रसायन और स्याही पकोड़े के साथ आपके पेट में चले जाते हैं।

क्या आपने कभी सोचा है कि अखबार कैसे बनते हैं?

इन अखबारों में वाष्पशील कार्बनिक यौगिक होते हैं। यह आपको बहुत नुकसान पहुंचाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि अखबार कैसे बनते हैं? अखबार बनाने में पेट्रोलियम उत्पादों सहित कई रसायनों का इस्तेमाल होता है। इनमें धूल, बैक्टीरिया और अन्य अशुद्धियाँ भी हो सकती हैं। यह खाने से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। अखबारों में कई ऐसे तत्व होते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं, जैसे कम गुणवत्ता वाला वनस्पति तेल (भारी तेल) और बिटुमेन पिगमेंट। अगर ये खाने के जरिए पेट में जाते हैं तो परेशानी हो सकती है।

अखबारों की जगह टिश्यू पेपर में में रखें खाना

पेट्रोलियम आधारित खनिज तेलों का उपयोग अखबार पर स्याही को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है और इसे सुखाने के लिए कोबाल्ट आधारित एजेंटों का उपयोग किया जाता है। इन दोनों का सेवन करने से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। अगर आपको लगता है कि पत्रिकाओं के पन्ने गुणवत्ता में बेहतर हैं, तो यह भी गलत है। इन पन्नों में चमक लाने और स्याही को धुंधला होने से बचाने के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायन और भी ज्यादा खतरनाक होते हैं।इसलिए, तले हुए खाने से अतिरिक्त तेल सोखने के लिए टिश्यू पेपर या पेपर टॉवल का इस्तेमाल करना बेहतर है। अखबारों की जगह टिश्यू पेपर में खाना पैक किया जा सकता है। ऐसे छोटे-छोटे विकल्प अपनाने से खाना सेहतमंद हो सकता है। अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें। घर से स्टील का डिब्बा लाकर उसमें खाना रखना बेहतर है। अगर कागज का ही इस्तेमाल करना है तो बिना प्रिंट वाला सादा कागज बेहतर है।

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