अलर्ट!फलों में छुपा रहता है Nipah virus, खजूर और अमरूद से खासतौर पर बचे

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस फैलने लगा है। इस वायरस से यहां पर दो लोगों की मौत हो गई है। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में और कैसे यह फलों में भी छुपा रह सकता है।

हेल्थ डेस्क. निपाह वायरस (Nipah virus) केरल में फिर से एक बार लौट आया है। कोझिकोड में दो लोगों की जान इस वायरस ने ले ली है। वहीं मृत लोगों में से एक के रिश्तेदारों को भी आइसीयू में भर्ती किया गया है। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार दोनों की मौतों को गंभीरता से ले रही है। उनके संपर्क में आने वाले रिश्तेदारों का इलाज चल रहा है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं। तो चलिए जानते हैं निपाह वायरस क्या है और ये कैसे लोगों को अपना निशाना बनाता है।

निपाह वायरस (NiV) एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है। चमगादड़ इस वायरस का वाहक होता है। इतना ही नहीं चमगादड़ के द्वारा आंशिक रूप से खाए गए फलों के जरिए भी फैलता है। मतलब अगर चमगादड़ किसी फल को हल्का टच भी करते हैं तो यह वायरस जाकर वहां छुप जाता है। जब इंसान उसे खाते हैं तो वायरस उनके अंदर ट्रांसफर हो जाते हैं।

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केरल में निपाह वायरस के फैलने से सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय फलों और सब्जियों को खाने से लेकर अलर्ट जारी करता है। जहां पर यह वायरस फैला होता है। वहां मिलने वाले फल जैसे आम, लीची, केले, अमरुद्ध और खजूर का सेवन करने में सावधानी बरतने को कहते हैं। आइए बताते हैं फलों को खाने से पहले कौन-कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए।

-पके औ मुरझाए फलों को ना खाएं

-ज्यादा पके और गीले फलों को खाने से बचे

-खाने के पहले से कट लगे हुए फलों को ना खाएं

-गंदगी या फिर विकृति जैसे दिखाई देने वाले फलों को मत लें।

-अजीब गंध वाले फलों से दूर रहें

-खजूर या उसका रस पीने से भी संक्रमण फैल सकता है।

मांसाहारी लोगों मीट खाने से पहले सावधानी बरते

मांसाहारी लोगों के लिए, संक्रमित जानवर का आंशिक रूप से पका हुआ मांस वायरस के फैलने का कारण बन सकता है। संक्रमित इलाके में मिलने वाले मांस को बिल्कुल ना कहें। अगर बाहर से मांस लाते हैं तो फिर उसे अच्छी तरह धोकर और पकाकर सेवन करें।

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस के लक्षण और संकेत फ्लू जैसे ही होते हैं। जिनमें बुखार, सिरदर्द, मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द), उल्टी, गले में खराश, चक्कर आना, उनींदापन, चेतना में बदलाव से लेकर दौरे और न्यूरोलॉजिकल संकेत (तीव्र एन्सेफलाइटिस का संकेत) जैसे गंभीर लक्षण शामिल हैं।

निपाह वायरस से बचाव

संक्रमित लोगों से दूर रहें। NH95-ग्रेड और उच्च मास्क पहनें। नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं। जानवरों के बाड़े के आसपास रहने से बचें।

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