OCD Tips: Obsessive Compulsive Disorder से जूझ रहे हैं आप? आजमाएं ये 7 खास मैनेजमेंट

7 ways to manage Obsessive Compulsive Disorder: ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से रोगी के दिमाग में तर्कहीन और आधारहीन विचार आते ही रहते हैं। यहां जानें कुछ नॉर्मल टिप्स, जिनको फॉलो कर आप OCD को कंट्रोल कर सकते हैं।

Shivangi Chauhan | Published : Jul 17, 2023 6:03 AM IST

हेल्थ डेस्क: ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD) आजकल बहुत ही ज्यादा कॉमन होता जा रहा है। ओसीडी एक तरह की मानसिक बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के मन में एक ही तरह के विचार बार-बार आते रहते हैं। पीड़ित व्यक्ति को यह पता रहता है कि बार-बार एक ही चीज सोचने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वह ऐसा करने से खुद को रोक नहीं पाता है। ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर ( Obsessive Compulsive Disorder) एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से रोगी के दिमाग में तर्कहीन और आधारहीन विचार आते ही रहते हैं। जैसे वो बार-बार हाथ धोना, ताला लगाने के बाद उसे बार बार चेक करेगा, बीमारी के डर से कपड़े बार-बार धोना, बार-बार पैसे गिनना आदि ये सब कुछ आम चीजें ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर में देखने को मिलती हैं। जरूरी है कि आप मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनल से बात करें लेकिन यहां हम कुछ नॉर्मल टिप्स बता रहे हैं जिनको फॉलो कर आप OCD को कंट्रोल कर सकते हैं।

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी): सीबीटी को ओसीडी के लिए सबसे प्रभावी उपचारों में से एक माना जाता है। इस थेरेपी के जरिए पीड़ित व्यक्ति के तर्कहीन विचारों और विश्वासों को पहचानकर चुनौती देते हैं। इसके जरिए एक चिकित्सक आपको स्वस्थ विचार पैटर्न और मुकाबला करने वाले तंत्र विकसित करने में मदद कर सकता है।

एक्सपोजर और रिस्पांस प्रिवेंशन (ईआरपी): ईआरपी एक विशिष्ट प्रकार का सीबीटी है जो आपके डर का सामना करने और संबंधित प्रतिक्रियाओं को रोकने पर फोकस करता है। इससे धीरे-धीरे खुद को ट्रिगर्स के संपर्क में लाने और चिंता को कम करने में मदद मिलती है।

मेडीसिन: एंटीडिप्रेसेंट विशेष रूप से सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर अक्सर ओसीडी लक्षणों को रोकने में मदद करती हैं। यह निर्धारित करने के लिए मनोचिकित्सक से परामर्श लें कि दवा आपकी स्थिति के लिए उपयुक्त है या नहीं।

माइंडफुलनेस और मेडिटेशन: माइंडफुलनेस और मेडिटेशन का अभ्यास आपको बिना किसी निर्णय के अपने विचारों और भावनाओं के प्रति अधिक जागरूक बनने में मदद कर सकता है। यह बढ़े हुए जुनूनी विचारों की तीव्रता को कम करता है।

तनाव मैनेजमेंट: तनाव, ओसीडी के लक्षणों को बढ़ा सकता है। नियमित व्यायाम, गहरी सांस लेने के व्यायाम, योग या तनाव कम करने वाली एक्टिविटी को करने से ओसीडी के लक्षणों को रोकने में मदद मिल सकती है।

दिनचर्या स्थापित करें: संरचित दिनचर्या बनाने से नियंत्रण की भावना मिल सकती है। यह दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करने वाली भावनाओं की संभावना को भी कम कर सकता है। 

सामाजिक समर्थन: अपनी चुनौतियों को विश्वसनीय मित्रों या परिवार के सदस्यों के साथ शेयर करें। ताकि वो समझे और प्रोत्साहन प्रदान करें। ओसीडी के लिए सहायता समूहों में शामिल होने से भी अपनेपन की भावना मिल सकती है और अलगाव की भावना कम होती है।

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