
OTC medicine in corona: देश में कोरोना के कैस तेजी से बढ़ रही है। महाराष्ट्र के साथ ही गुजरात और तमिलनाडु में तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब गुजरात में भी नए 15 केस सामने आ गए। लोगों के मन में कोरोना के प्रति फिर से डर बढ़ने लगा है। कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर अक्सर लोग मेडिकल स्टोर से मेडिसिन ले लेते हैं। आइए जानते हैं कोरोना की ओटीसी मेडिसिन लेना कितना सुरक्षित होता है।
ओटीसी या ओवर द काउंटर दवाएं बिना पर्चे की दवाएं होती हैं। मेडिकल स्टोर से ली गईं दवाएं होती है। इन दवाओं का इस्तेमाल करके सिरदर्द से लगाकर बदनदर्द और सीने में जलन जैसी समस्याओं को ठीक किया जाता है। ओटीसी दवाएं छोटे-मोटी बीमारी को कम करती हैं। कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान कई लोगों ने otc दवाओं की मदद से खुद को ठीक किया था। आपको बताते चलें कि भले ही ओटीसी दवाएं मामूली लक्षणों को ठीक करने में मदद करती है लेकिन गंभीर बीमारी में दवाओं का असर नहीं दिखता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर रहता है।
कार्डिफ़ विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि घर पर हल्के COVID-19 लक्षणों को कम करने में ओटीसी दवाएं प्रभावी होती है। अगर आपको भी कोरोना के हल्के लक्षण दिख रहे हो तो मेडिकल स्टोर से लक्षण बताने के बाद दवा लें। अगर एक हफ्ते में लक्षण ठीक नहीं होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीमारी व्यक्ति को ओटीसी दवाओं पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं रहना चाहिए।
हल्के कोविड-19 लक्षणों को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन दवा का इस्तेमाल किया जाता है। दवा का इस्तेमाल करने से न सिर्फ बुखार बल्कि सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि समस्या खत्म हो जाती है। अगर बीमारी ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है।