दवा असली या नकली आप लगा सकेंगे पता, मेडिसिन पर छपेगा QR कोड, फर्जी दवाइयों पर कसेगा शिकंजा

Published : Aug 01, 2023, 07:57 PM IST
Medicine Packet QR Code Guidelines

सार

Medicine Packet QR Code Guidelines: 1 अगस्त से पहले फेज में क्यूआर कोड 300 सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं पर चिपका दिया जाएगा, जिनकी फार्मा रिटेल बाजार में लगभग ₹50,000 करोड़ की हिस्सेदारी है।

हेल्थ डेस्क: आप जल्द ही पता लगा सकेंगे कि जो दवा आप खा रहे हैं वह असली है या नकली? देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले 300 फार्मास्युटिकल ब्रांडों को 1 अगस्त या उसके बाद बनने वाली अपनी दवाओं पर क्यूआर कोड या बारकोड के साथ लेबल लगाना जरूरी कर दिया गया है। इन क्यूआर-लेबल वाली दवाओं के अगले कुछ हफ्तों में बाजार में आने की उम्मीद है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोड को स्कैन करने पर, प्रोडक्ट लाइसेंस और बैच नंबर जैसी जरूरी जानकारी दवा को वैरिफाई करने की सुविधा प्रदान करेगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने नकली और घटिया दवाओं की बिक्री को रोकने और क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए अपने 'ट्रैक एंड ट्रेस' सिस्टम के हिस्से के रूप में यह कदम उठाया है।

अगस्त में ही इन दवाओं पर चिपका दिया जाएगा कोड

1 अगस्त से पहले फेज में क्यूआर कोड 300 सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं पर चिपका दिया जाएगा, जिनकी फार्मा रिटेल बाजार में लगभग ₹50,000 करोड़ की हिस्सेदारी है। बड़े स्तर पर बेची जाने वाली एंटीबायोटिक्स, कार्डियक गोलियां, दर्द निवारक गोलियां, शुगर की दवाएं और एंटी-एलर्जी दवाएं इस लिस्ट में शामिल हैं। इसी तरह, शुगर रोधी मिक्सटार्ड और ग्लाइकोमेट-जीपी, एंटीबायोटिक्स ऑगमेंटिन और मोनोसेफ और गैस्ट्रो दवा पैन 2 लाख करोड़ से अधिक के घरेलू बाजार में बिक्री के लिए टॉप पर हैं।

नियम ना मानने पर लगेगा कड़ा जुर्माना

ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फार्मा कंपनियों को नए नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है, ऐसा न करने पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। (DCGI) ने फार्मा निकाय संघों को भी सलाह दी है कि वे अपनी सदस्य कंपनियों को नई व्यवस्था का पालन करने की सलाह दें। खास दवाओं की पहचान कोड में दवा का उचित और सामान्य नाम होगा। जैसे ब्रांड का नाम, निर्माता का नाम और पता, बैच संख्या, निर्माण की तारीख, समाप्ति तिथि और प्रोडक्शन लाइसेंस संख्या भी दी जाएगी।हालांकि इस कदम के बारे में एक दशक पहले सोचा गया था, लेकिन घरेलू फार्मा इंडस्ट्री की अपर्याप्त तैयारी और अपेक्षित सॉफ्टवेयर और तकनीकी सिस्टम की कमी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

दवा निर्माताओं के लिए जरूर ये नियम

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से दवा निर्माताओं को नवंबर 2022 में नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अधिसूचना में निर्दिष्ट दवा फॉर्मूलेशन के ब्रांडों का कोई भी बैच जो 1 अगस्त 2023 को या उसके बाद बनाया गया है, भले ही स्थान कुछ भी हो उक्त सरकारी अधिसूचना के अनुसार निर्माण स्थल के लेबल पर बारकोड या क्यूआर कोड होना चाहिए। दवा फॉर्मूलेशन के 300 ब्रांडों पर क्यूआर कोड प्रिंट/चिपकाना अनिवार्य है। हालांकि, यदि कोई निर्माता अपनी इच्छा से किसी अन्य ब्रांड के लिए बार कोड या क्यूआर कोड लगाना/प्रिंट करना चाहता है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। इसमें आगे कहा गया कि यह उन सभी स्वदेशी और विदेशी निर्माताओं के लिए लागू है जो देश में मार्केटिंग के लिए दवा फॉर्मूलेशन के इन ब्रांडों का निर्माण कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, प्राथमिक पैकेजिंग लेबल में जगह कम होने के मामले में, इसे दूसरे पैकेज पर चिपकाया या मुद्रित किया जा सकता है। इंपोर्ट दवाओं के संबंध में, इसमें कहा गया है कि दवाओं के लेबल पर चिपकाए गए या छपे हुए क्यूआर कोड के साथ इंपोर्ट किया जाना चाहिए। हालांकि औषधि नियम, 1945 के तहत आवश्यक लाइसेंसिंग प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद देश में क्यूआर कोड को लेबल पर चिपकाया जा सकता है।

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