एक दो नहीं बल्कि 40% कैंसर की वजह है तंबाकू, शराब और पान मसाला, यकीन नहीं होता तो देख लें ये रिसर्च

कैंसर को लेकर पूरी दुनिया में 200 से ज्यादा रिसर्च हो चुकी है। लेकिन हाल ही में भारत के प्रमुख कैंसर सर्जन ने बताया कि 40% कैंसर का कारण कुछ और नहीं बल्कि तंबाकू, शराब और पान मसाला है।

हेल्थ डेस्क: कैंसर का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को अंदर से खोखला कर देती है और उस सीधे मौत की ओर ले जाती है। दुनिया भर में ना जाने कितने करोड़ लोग हर साल कैंसर से पीड़ित होते हैं और कितने ही लोगों की कैंसर के चलते मौत हो जाती है। लेकिन हाल ही में कैंसर को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया गया। दरअसल, मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के प्रमुख कैंसर सर्जन और उपनिदेशक पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि कैंसर के कुल मामलों में 40% तंबाकू, शराब और पान मसाला के कारण होते हैं।

क्या है कैंसर का कारण

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सोमवार को लखनऊ के लोकसभा भवन में 'कैंसर पर विजय' पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें मुंबई टाटा मेमोरियल सेंटर के उपनिदेशक और प्रमुख कैंसर सर्जन डॉक्टर और प्रोफेसर पंकज चतुर्वेदी ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कैंसर के 40% मामले तंबाकू, शराब, पान मसाला आदि के कारण होते हैं। इनमें से 10% मामले अनुवांशिक होते हैं और 10% स्वच्छता से संबंधित होते हैं, जबकि 20% मामले कैंसर के ऐसे होते हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।

गंगा किनारे बसे लोगों को होता है अनोखा कैंसर

प्रोफेसर डॉक्टर पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अस्पताल में अब तक 70000 कैंसर मरीजों का इलाज किया जा चुका है। हर साल 25000 लोग पंजीकृत होते हैं, फिर भी कैंसर के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि यूपी में गंगा किनारे और उसके आसपास रहने वाले लोगों में एक अनोखा गॉल ब्लैडर कैंसर होता है, जो भारत के अलावा चिली में भी पाया जाता है। प्रोफेसर पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि हम गॉल ब्लैडर कैंसर पर रिसर्च कर रहे हैं लेकिन इसके कारण अब तक पता नहीं चल पाए हैं।

पुरुषों में सबसे ज्यादा पाया जाता है मुंह का कैंसर

कैंसर पर विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने यह भी बताया कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की तुलना में सर्वाइकल कैंसर के मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा पाए जाते हैं। वहीं, पुरुषों के ऊपर की गई रिसर्च में पता चला कि सबसे ज्यादा पुरुषों को मुंह का कैंसर होता है। इसके बाद फेफड़ों का कैंसर होता है। पेट और मलाशय का कैंसर धीरे-धीरे होता है, लेकिन यह हमारी लाइफस्टाइल पर बहुत असर डालता है। इस मौके पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कैंसर से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने पर जोर दिया और बताया कि तंबाकू, शराब और पान मसाले का सेवन और ब्रिकी को रोकने की दिशा में काम करना चाहिए।

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