
हेल्थ डेस्क: बच्चों में डायबिटीज के मामलों में वृद्धि चिंताजनक बनती जा रही है। पहले जहां यह बीमारी मुख्य रूप से वयस्कों में देखी जाती थी, अब यह छोटे बच्चों और किशोरों को भी इफेक्ट कर रही है। बच्चों में डायबिटीज के बढ़ने के पीछे मुख्य रूप से खराब जीवनशैली और खान-पान जिम्मेदार हैं। अगर आप इसे रोकना चाहते हैं तो माता-पिता को मिलकर कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे। हेल्दी लाइफस्टाइल, नियमित व्यायाम और बैलेंस डाइट से बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है।
टाइप 1 डायबिटीज: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है। आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारण इसके प्रमुख कारण हैं।
टाइप 2 डायबिटीज: यह अधिक वजन, खराब डाइट और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण होती है। हाल के वर्षों में बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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गलत खान-पान (Unhealthy Diet)
जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, और चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन। फाइबर की कमी और कैलोरी-युक्त भोजन से वजन बढ़ता है, जो डायबिटीज का जोखिम बढ़ाता है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी (Lack of Physical Activity)
बच्चों का अधिक समय स्क्रीन पर बिताना (टीवी, मोबाइल, गेमिंग)। सबसे ज्यादा आउटडोर खेलों और व्यायाम की कमी इसका कारण है।
मोटापा (Obesity)
मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है। पेट के आसपास की चर्बी इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है।
आनुवंशिक कारण (Genetic Factors)
अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो बच्चों में इसका खतरा बढ़ जाता है।
तनाव (Stress)
बढ़ता शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव भी बच्चों में डायबिटीज का कारण बन सकता है।
नींद की कमी (Lack of Sleep)
कम सोने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो डायबिटीज का जोखिम बढ़ाता है।
माता-पिता का स्वास्थ्य (Parental Health)
गर्भावस्था के दौरान मां का मधुमेह या अस्वस्थ जीवनशैली बच्चे के डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती है।
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वायरल इंफेक्शन (Viral Infections)
कुछ वायरस बच्चों के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करके टाइप 1 डायबिटीज का कारण बन सकते हैं।
लक्षण (Symptoms)
स्वस्थ आहार: बच्चों को जंक फूड से बचाएं और उन्हें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त भोजन दें।
शारीरिक एक्टिवनेस: बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे के लिए शारीरिक गतिविधि में शामिल करें, जैसे खेलकूद या साइक्लिंग।
वेट कंट्रोल: बच्चों का वजन उनकी उम्र और ऊंचाई के अनुसार बनाए रखें।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड का सेवन: मिठाई, कोल्ड ड्रिंक्स, और पैकेज्ड स्नैक्स से बचें।
नियमित स्वास्थ्य जांच: बच्चों के ब्लड शुगर और वजन की नियमित जांच कराएं।
तनाव मैनेजमेंट: बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उन्हें तनाव से बचाने की कोशिश करें।
परिवार में जागरूकता: पूरे परिवार को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें।
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