हेल्थ डेस्क. आज के वक्त में कपल के बीच संतान नहीं पैदा कर पाने की समस्या आम होती जा रही है। महिला और पुरुष दोनों के एग और स्पर्म इसके जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिकों ने उन जोखिम कारकों को पहचाना है जो स्पर्म की क्वालिटी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि प्रदूषण, धूम्रपान, वैरिकोसेले,डायबिटीज,टेस्टिकुलर ट्यूमर और उम्र स्पर्म की कोशिकाओं की क्वालिटी पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं।
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यह स्टडी रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ था जिसमें ऐसे कारकों का अध्ययन किया गया था जो स्पर्म के जेनेटिकल पदार्थ के विखंडन को अहम रूप से प्रभावित कर सकते हैं। डीएनए एनालिस को वर्तमान में स्पर्म कोशिकायों की कार्यक्षमता पर निधारित करने के लिए एक मात्र साक्ष्य आधारित टेस्ट हैं। सेमेल्विस यूनिवर्सिटी में यूरोलॉजी विभाग में एंड्रोलॉजी सेंटर के प्रमुख डॉ ज़ोल्ट कोपा ने कहा,'डीएनए जितना अधिक टूटता है, स्पर्म की निषेचन क्षमता कम होती है और इसके अलावा गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है।'
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वैज्ञानिकों ने लगभग 27,000 स्टडीज पर अपना रिसर्च आधारित किया। इसे अबतक का सबसे बड़ा मेटा-विश्लेषण माना जाता है।
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वर्तमान स्टडी में शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि डीएनए के विखंडन का औसत 9.19%तक बढ़ सकता है जो लोग धूम्रपान करते हैं नहीं धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के मुकाबले। इसके अलावा स्पर्म की गुणवत्ता में शराब के सेवन और शरीर के वजन की नैदानिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका नहीं थी।
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स्टडी में देखा गया कि क्लैमाइडिया और एचपीवी जैसे कुछ संक्रमणों ने शुक्राणु की गुणवत्ता को ख़राब नहीं किया, लेकिन जीवाणु या अन्य यौन संचारित रोगों ने डीएनए विखंडन (8.98 प्रतिशत और 5.54 प्रतिशत) में वृद्धि दिखाई।
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पिछले अध्ययनों के अनुसार, वेस्टर्न डेवलप देशों में प्रजनन दर घट रही है। छह कपल में से एक बांझपन की समस्या से पीड़ित हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, लेकिन लगभग 50% पुरुषों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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इसलिए अगर बच्चे की चाहत रखते हैं तो धूम्रपान छोड़ना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, या अधिक स्वस्थ भोजन करना एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।