Sickle Cell Disease की चपेट में 45 लाख लोग, क्या है ये बीमारी, कैसे पहचानें और करें उपचार

Sickle Cell Anemia Symptoms and Causes: क्या आप जानते हैं सिकल सेल एनीमिया क्या है और यह कैसे होता? यहां जानें इस बीमारी के बारे में पूरी डिटेल।

हेल्थ डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मध्य प्रदेश के शहडोल में पहुंचे। शहडोल जिले से उन्होंने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ करने का घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के खात्मे के लिए ये ठोस कदम उठाया है जिससे आदिवासी समाज बुरी तरह से जूझ रहा है। आदिवासी समाज के अलावा भी ये कई लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। 2047 तक देश से सिकल सेल को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए पूरे देश में स्क्रीनिंग और अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जाएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं सिकल सेल क्या है और यह कैसे होता? यहां जानें इस बीमारी के बारे में पूरी डिटेल।

क्या है सिकल सेल एनीमिया?

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सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, नर्म और लचीली होती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं का लाल रंग उसमें रहने वाले हीमोग्लोबिन नामक तत्व के कारण होता है। हीमोग्लोबिन का आकार सामान्य के बदले असामान्य भी देखने को मिलता है। जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का बदलाव होता है तब लाल रक्त कोशिकाएं जो सामान्य रूप से आकार में गोल तथा लचीली होती हैं यह गुण परिवर्तित कर अर्ध गोलाकार एवं सख्त/कड़क हो जाता है जिसे सिकल सेल कहा जाता है। यह धमनियों में अवरोध उत्पन्न करती हैं जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी होने लगती है इसलिए इसे सिकल सेल एनीमिया कहा जाता है।

कैसे होती है सिकल सेल एनीमिया बीमारी?

सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं। इसके कारण वेसो-ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक के कारण मृत्यु की संभावना होती है। यह बीमारी 2 तरह से व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। पहला सिकल सेल वाहक से यानि व्यक्ति रोग के वाहक के रूप में काम करते हैं अर्थात उनमें सिकल सेल के रोग के लक्षण स्थायी न होकर कभी-कभी दिखाई देते है। फिर भी ये व्यक्ति अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग दे सकते हैं। दूसरा प्रकार सिकल रोगी है। यह वह व्यक्ति होते है जिनमें रोग के लक्ष्ण स्थायी रूप से रहते हैं। जिससे उनके शरीर का विकास रुक जाता है और ये लोग निश्चित ही अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग देते हैं।

सिकल सेल एनीमिया बीमारी के लक्षण क्या हैं?

सिकल सेल एनीमिया के टेस्ट क्या?

  1. छाती का एक्स-रे (निमोनिया का पता चल सके)
  2. हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट (असामान्य हीमोग्लोबिन की जांच)
  3. यूरिन की जांच (छिपे इंफेक्शन का पता चल सके)
  4. संपूर्ण ब्लड काउंट टेस्ट

सिकल सेल एनीमिया का उपचार?

फिलहाल बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही सिकल सेल बीमारी का एकमात्र मौजूदा इलाज है।यह बेहद कठिन और जोखिम भरा है और इसके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डोनर, मरीज का भाई या बहन हो ताकि बोन मैरो का मैच बेहद नजदीकी हो। फिलहाल वैज्ञानिक सिकल सेल बीमारी के इलाज के लिए जीन थेरेपी पर अध्ययन कर रहे हैं जिसके तहत डॉक्टर उस असामान्य जीन को बदलकर इस बीमारी का इलाज कर पाएंगे। आपको बता दें, पूरे विश्व में 45 लाख लोग सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त हैं, जिनमें से 80 फीसदी अफ्रीकी देशों में हैं।

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20 रुपए में होता है इलाज, Madhya Pradesh में ये पद्मश्री डॉक्टर रोजाना देखता है 200 मरीज

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