
Smart Rice Cooker for Diabetics: शुगर होने पर हर कोई चावल खाने से डरता है। लेकिन अब डायबिटीज के मरीज भी बेफिक्र होकर चावल खा सकेंगे, इसके लिए आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने डायबिटिक स्मार्ट राइस कुकर बनाया है। यह कुकर कैसे काम करता है? इसके क्या फायदे हैं? आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
आचार्य एनजी रंगा विश्वविद्यालय से जुड़े पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी सेंटर के वैज्ञानिकों ने इस कुकर का आविष्कार किया है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल करके कुछ कंपनियों के साथ समझौता करके इस तरह के स्मार्ट कुकर बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने की तैयारी है। चावल में ग्लाइसेमिक टेस्ट की कीमत फिलहाल ज्यादा है, इसे कम करने के लिए एक किट बनाई गई है। आमतौर पर 2.5 लाख रुपये का खर्च आता है, लेकिन इस नई किट से सिर्फ 7500 रुपये में टेस्ट हो जाएगा। ये कूकर आम जन तक कब तक पहुंचेगा, इसके बारे में जानकारी अभी नहीं उपलब्ध है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मधुमेह के रोगियों को जी भर चावल खाने की आजादी मिल जाएगी।