खाने के पैकेट में छिपे Breast cancer से जुड़े 200 केमिकल्स, खुलेआम मौत को न्यौता

फूड पैकेजिंग में पाए जाने वाले खतरनाक केमिकल्स से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जानें स्टडी के अनुसार कैसे फूड पैकेजिंग हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

हेल्थ डेस्क: जब भी आप बाहर खाना खरीदने जाते हैं तो आपको ब्राउन कलर की पैकेजिंग के साथ फूड ऑफर किया जाता है। हाल ही में की गई स्टडी में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले पेपर और पॉलीथीन में करीब 200 केमिकल्स ऐसे पाए गए हैं जो ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ावा देते हैं। जानिए स्टडी में फूड पैकेजिंग और ब्रेस्ट कैंसर के संबंधित किन खास बातों पर जानकारी दी गई।

खाने के पैकेट से फैल सकता है ब्रेस्ट कैंसर

Latest Videos

फ्रंटियर्स इन टॉक्सिकोलॉजी में पब्लिश स्टडी में 200 कैमिकल्स को ब्रेस्ट कैंसर से जोड़ा गया है। घातक कार्सिनोजेन्स फूड कॉन्टेक्ट मैटीरियल(FCM) और प्लास्टिक में पाए गए। कागज और कार्डबोर्ड में पैक किए गए फूड शरीर के लिए घातक हो सकते हैं। जब खाना ऐसे पैकेज में पैक होकर आता है तो केमिकल्स खाने में मिल जाते हैं। फिर शरीर में पहुंचकर ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जन्म देते हैं।

स्विट्जरलैंड में फूड पैकेजिंग फोरम की प्रबंध निदेशक और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, जेन मुनके ने कहा कि ‘दुनिया भर में खुले आम ऐसे पैकेज बिक रहे हैं जिसमें 100 से ज्यादा कैंसर फैलाने वाले केमिकल्स मौजूद है। ऐसे में लोगों को इस खतरे से बचकर रहना चाहिए और रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाली फूड पैकेजिंग से दूरी बनानी चाहिए।’

जानलेवा और जहरीली प्लास्टिक में खाना

दुनिया भर में एफसीएम से खरीदे गए करीब 76 ब्रेस्ट कैंसर एलिमेंट्स के सबूत मिले हैं जिसमें करीब 80% प्लास्टिक से जुड़े हुए हैं। पूरे विश्व की आबादी में ऐसे प्लास्टिक पैकेजिंग का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। प्लास्टिक में सिर्फ फूड को पैक ही नहीं किया जाता है बल्कि गरमा-गरम खाने तक को प्लास्टिक के डिब्बो में बंद कर दिया जाता है। अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि किस तरह से खाने में धीरे-धीरे जहर मिल रहा है।

मौत को दावत दे रहे हैं फूड पैकेजिंग मैटीरियल

बेस्ट कैंसर का कारण बनने वाले कुछ केमिकल्स जैसे बेंजीन जो जानवरों में स्तन कैंसर का कारण बनता है, फूड पैकेजिंग में पाया गया है। कुछ अन्य केमिलकल्स 4,4'-मेथिलीनबिस-(2-क्लोरोएनिलिन),2,4-टोलुईनीडायमाइन, ओ-टोलुईडिन आदि केमिकल इंसान के साथ ही जानवरों में भी कैंसर का कारण बनते हैं।

WHO के अनुसार दुनिया भर में करीब 2.3 मिलियन महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है। इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ब्रेस्ट कैंसरके कुछ मामले पुरुषों में भी पाए जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन में गांठ बनने लगती है। अगर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज न कराया जाए तो महिला की मृत्यु भी हो सकती है।

कैसे करें फूड पैकेजिंग से बचाव?

अगर आप फूड पैकेजिंग के कैंसर केमिकल्स से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ तरीके खुद ही खोजने होंगे। आप जब भी बाहर से फूड पैक कराने जाएं तो अपने साथ मेटल के टिफिन लेकर जाएं। ऐसा करने से आपको किसी भी पालीथिन या कागज की पैकेजिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। कभी भी प्लास्टिक में गरम फूड पैक कराने की गलती न करें। कुछ बातों का ध्यान रख आप जानलेवा कैंसर से बच सकते हैं। 

और पढ़ें: क्या पूरी तरह से ठीक हो सकता है बच्चों में बहरापन-गूंगापन? ENT सर्जन से जानिए

आपके खाने के प्लेट में छिपा है Weight Loss का राज

 

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?