रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हम जाने-अनजाने कितनी गलतियाँ करते हैं। कुछ गलतियाँ हमें पता होने के बावजूद हम छोड़ नहीं पाते और वो हमारी सेहत को नुकसान पहुँचाती हैं, तो वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जिनका हमें अंदाज़ा तक नहीं होता। सुबह ब्रश करने से लेकर रात को सोने तक, हम कई तरह की दिनचर्या अपनाते हैं। लेकिन इनमें से कई ऐसी हैं जिनमें हम जाने-अनजाने गलतियाँ करते हैं। अपने शरीर को स्वस्थ रखने और शरीर के अंगों को साफ रखने के लिए हम जो भी करते हैं, उनमें से कई चीज़ें ऐसी होती हैं जो हमें पता भी नहीं होता और हमारी सेहत को नुकसान पहुँचा रही होती हैं। ट्रस्टवेल हॉस्पिटल के कान, नाक और गले के विशेषज्ञ (ENT स्पेशलिस्ट) डॉ. दीपक ने इस बारे में कुछ रोचक जानकारी साझा की है।
रैपिड रश्मि शो में उन्होंने कान, नाक, गले की देखभाल समेत कई विषयों पर चर्चा की। इसमें उन्होंने खासतौर पर कुछ भ्रांतियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दांत निकलवाने से आँख जाती है, दही-केला खाने से सर्दी-ज़ुकाम होता है... इस तरह की कई भ्रांतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि रोज़ाना ज़्यादातर लोग कुछ खास गलतियाँ करते हैं। डॉ. दीपक ने बताया कि लोग आँखों की देखभाल तो करते हैं, लेकिन कानों पर उतना ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि अगर कान बज रहा है, तो 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाएँ। ऐसा ना करने पर आगे चलकर ये बड़ी समस्या बन सकती है। आँखों में थोड़ी सी भी तकलीफ होने पर लोग तुरंत डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन कानों में कोई तकलीफ होने पर हफ़्तों तक इंतज़ार करते हैं कि अपने आप ठीक हो जाए। ऐसा करना गलत है। 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाने पर कान को बचाया जा सकता है।
कई लोगों को चक्कर आते हैं। 100 में से 90 लोगों को ये समस्या कान की बीमारी की वजह से होती है। लेकिन ज़्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। वो ब्लड प्रेशर, शुगर की जाँच करवाते हैं, सिर का स्कैन करवाते हैं... और भी न जाने क्या-क्या करवाते हैं। सबकुछ नॉर्मल आता है, लेकिन समस्या कहाँ है, ये पता ही नहीं चलता। हालाँकि 100 में से 10 लोगों को ये समस्या किसी और वजह से हो सकती है। लेकिन 90 लोगों में ये समस्या सिर में नहीं, बल्कि कान में होती है। इसलिए कान की जाँच ज़रूर करवाएँ। डॉक्टर ने ये भी कहा कि कान में बड का इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर दें। कान को अपना बचाव खुद करना आता है। पेट, आँतों की तरह कान का भी अपना एक रक्षा तंत्र होता है। बार-बार ईयर बड डालने से आपको इसकी लत लग जाती है। इससे कान में और गंदगी जाती है, जिससे कान की समस्या और बढ़ जाती है।
डॉ. दीपक ने बताया कि बहुत से लोग ब्रश करते समय अपनी जीभ भी रगड़ते हैं। ये भी सही नहीं है। जीभ को खुद को साफ करना आता है। जीभ को रगड़-रगड़ कर आप उसे नुकसान पहुँचाते हैं। बेचारी जीभ शाम होते-होते खुद को ठीक करने के लिए सफेद परत बना लेती है। सफेद परत दिखाई देने पर आप अगले दिन फिर से उसे रगड़ते हैं। इससे आप खुद ही समस्या को न्योता दे रहे होते हैं। डॉ. दीपक ने ये भी कहा कि खांसी आने पर कफ आता है, तो उसे थूकना ज़रूरी नहीं है। थूकना और निगलना एक ही बात है। निगलने पर वो मल के रास्ते बाहर निकल जाएगा। डॉ. दीपक ने ये भी बताया कि उल्टी होने पर कफ निकल जाता है, ये भी एक भ्रांति है।