सभी लोग सुखी जीवन जीने का सपना देखते हैं। कुछ परिवार समय से पहले या सही समय पर अपने बच्चों की शादी कर देते हैं। लेकिन कई कारणों से कुछ लोग बच्चों की शादी टाल देते हैं। कुछ लोग आर्थिक रूप से मज़बूत होकर शादी करना चाहते हैं। यह सपना पूरा होते-होते कई बार उम्र 30 पार कर जाती है। आजकल महिलाएं भी आर्थिक रूप से सक्षम होकर शादी करने का लक्ष्य रखती हैं।
18 साल से ज़्यादा उम्र की लड़की शादी के लिए योग्य होती है। आजकल समय बदल गया है और लड़कियां आमतौर पर 25-28 साल की उम्र में शादी करती हैं। लेकिन अगर कोई महिला लंबे समय तक कुंवारी रहती है तो उसे कुछ समस्याएं हो सकती हैं, एक अध्ययन में ऐसा बताया गया है। 28 साल के बाद भी कुंवारी रहने वाली महिलाओं में कुछ मानसिक बीमारियां होने का ख़तरा बढ़ जाता है, यह जानकारी अध्ययन में दी गई है।
28 साल के बाद भी अगर महिला कुंवारी रहती है तो उसे डिमेंशिया (Dementia) जैसी मानसिक बीमारी हो सकती है। जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और साइकियाट्री के अध्ययन के अनुसार, 42% कुंवारी महिलाओं में डिमेंशिया का ख़तरा ज़्यादा होता है। कम उम्र में पति को खो देने वाली या लंबे समय तक अकेली/single रहने वाली महिलाओं में भी डिमेंशिया का ख़तरा होता है। 20% single महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं।
इस अध्ययन में 15 अन्य विषयों पर भी अध्ययन किया गया था। वैवाहिक जीवन और डिमेंशिया के बीच कई संबंध हैं। शादी के बाद जीवन में एक नए व्यक्ति के आने से महिला को एक नया विश्वास मिलता है। उसे लगता है कि कोई है जो उसका ख्याल रखेगा। इसलिए जो महिलाएं शादी नहीं करतीं और कुंवारी रहती हैं, वे कई बार मानसिक तनाव में आकर डिमेंशिया का शिकार हो सकती हैं।
यह बीमारी ज़्यादातर लड़कियों की सोचने की क्षमता, याददाश्त, चिड़चिड़ापन, विचार करने की क्षमता और मनोदशा में बदलाव पर असर डालती है, अध्ययन में ऐसा बताया गया है। अगर आप इन सभी बीमारियों से बचना चाहती हैं तो 28 साल से पहले शादी कर लेना बेहतर है, अध्ययन में यह सलाह दी गई है।