Chikungunya vaccine: चिकनगुनिया एक ऐसा वायरस है, जो मच्छरों से फैलता है। कई बार यह घातक भी हो जाता है। ऐसे में इस घातक बीमारी से बचने के लिए अमेरिका ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
हेल्थ डेस्क: अमेरिकी खाद और औषधि प्रशासन ने चिकनगुनिया को एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बताया है। ऐसे में इससे बचने के लिए अमेरिका ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। दरअसल, गुरुवार को अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिकनगुनिया के लिए दुनिया के पहले वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन यूरोप की वेलनेवा कंपनी बनाएगी, जिस इक्स्चिक नाम दिया गया है। आइए आपको बताते हैं इस वैक्सीन के बारे में और इससे किस तरह से वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
चिकनगुनिया की पहली वैक्सीन को मंजूरी
अमेरिकी दवा नियामक ने Ixchiq को हरी झंडी दी है। यह वैक्सीन उन देशों में तेजी से सर्कुलेट की जाएगी, जहां वायरस सबसे ज्यादा प्रभावित है। बता दें कि Ixchiq वैक्सीन 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बनाई जाएगी, जिनके जोखिम में बढ़ोतरी हुई है। एफडीए ने इसे लेकर कहा कि चिकनगुनिया वायरस तेजी से फैल रहा है, जिससे इस बीमारी के वैश्विक प्रसार में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 15 सालों में 5 मिलियन से ज्यादा अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चिकनगुनिया, जो बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका के कुछ हिस्सों में सबसे ज्यादा फैल रहा है। ऐसे में इस वायरस की वैक्सीन बनना बहुत जरूरी था।
3500 लोगों पर किया गया प्रशिक्षण
उत्तरी अमेरिका में 3.5 हजार लोगों पर दो क्लिनिकल टेस्ट हुए। इसमें चिकनगुनिया वायरस के लिए वैक्सीन का एक डोज उन्हें दिया गया। वैक्सीन के साइड इफेक्ट में मामूली सिर दर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार और मतली जैसे दुष्प्रभाव बताए गए। परीक्षण के दौरान 1.6% गंभीर प्रतिक्रियाएं भी दर्ज की गई, जिनमें से दो को केवल अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी थी, वह भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
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