युवा अपने वजन को करें कंट्रोल, नहीं तो प्राइवेट पार्ट का इस बीमारी से हो जाएगा बुरा हाल

वजन कई तरह की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है। इतना ही नहीं हाल के शोध में पता चला है कि युवा में बढ़ते वजन की वजह सो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में जो युवाओं के लिए चेतावनी जैसी है।

हेल्थ डेस्क. प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) ग्लोबल लेबल पर पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है। हर साल 1.4 मिलियन से अधिक मामलों को डायग्नोसिस किया जाता है। स्वीडन में पुरुषों में यह सबसे ज्यादा होता है। यहां पर प्रति वर्ष 10,000 मामले सामने आते हैं। जबकि 2000 लोग असमय इसकी वजह से मौत के शिकार हो जाते हैं।

वहीं, यूके में भी इस बीमारी की चपेट में ज्यादा पुरुष आते हैं। यहां प्रति वर्ष लगभग 52,000 मामले होते हैं और पुरुषों में कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है, जिसमें लगभग 12,000 मौतें होती हैं। सवाल है कि प्रोटेस्ट कैंसर होने के पीछे कौन सी वजह जिम्मेदार है। डबलिन, आयरलैंड में यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी (ईसीओ) में पेश किए गए एक स्टडी के अनुसार, युवावस्था और उम्र के 20वें दशक में प्रोटेस्ट कैंसर की मरने की आशंका बढ़ जाती है।

Latest Videos

प्रोस्टेट कैंसर के अन्य कारणों का पता लगाना मकसद

स्वीडन में 250,000 से अधिक पुरुषों पर डेटा का विश्लेषण किया गया। एक व्यक्ति के वजन में बढ़ोतरी और प्रोस्टेट कैंसर के बीच का कनेक्शन देखा गया। 17 से 29 वर्ष की आयु के बीच वजन में वृद्धि (Weight gain) आक्रामक और घातक प्रोस्टेट कैंसर के संबंध के लिए जिम्मेदार थी। स्वीडन के लुंड यूनिवर्सिटी के डॉ मारिसा दा सिल्वा की मानें तो प्रोस्टेट कैंसर के होने वाले कारणों को ढूंढना और फिर इसे रोकने की दिशा में काम करना जरूरी है।केवल अच्छी तरह से स्थापित जोखिम कारक, जैसे बढ़ती उम्र, बीमारी का पारिवारिक इतिहास और कई अनुवांशिक मार्कर से इसे जोड़कर हमेशा नहीं देख सकते हैं। इसके अन्य कारणों का पता लगाया जरूरी है। जिससे उससे बचा जा सके।

वजन का बढ़ना प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ा

पिछले शोध में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि शरीर की अतिरिक्त चर्बी घातक प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाती है।हालांकि यह अभी पूरी तरह प्रमाणित नहीं हुआ है कि शरीर में फैट प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी है। इसके अलावा, इनमें से कई अध्ययन एक समय में शरीर में वसा के उपायों पर निर्भर थे और आक्रामकता का आकलन नहीं करते थे।वजन और प्रोस्टेट कैंसर के बीच संबंधों के बारे में अधिक जानने के लिए, डॉ सिल्वा और उनके सहयोगियों ने 258,477 पुरुषों के डेटा का विश्लेषण किया, जिनका वजन 17 से 60 वर्ष की आयु के बीच कम से कम तीन बार मापा गया था।

17-29 साल के लोगों को सावधान रहने की जरूरत

स्टडी में पाया गया कि वजन बढ़ना प्रोस्टेट कैंसर के विकास और इसकी आक्रामकता दोनों से जुड़ा था।एक आदमी के जीवन में स्थिर वजन की तुलना में वजन बढ़ना (प्रति वर्ष आधा किलो या 1.1 पाउंड) आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर के 10% अधिक जोखिम और घातक प्रोस्टेट कैंसर के 29 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा था।दूसरे विश्लेषण से पता चला कि इसका लिंक 17-29 साल के बीच युवाओं में बढ़ने वाले वजन से ज्यादा होता है।

और पढ़ें:

सेहत का बिगाड़ देगा गणित, ब्रेकफास्ट में इन फलों का ना चखें स्वाद

यंग कैंसर सर्वाइवर पर हार्ट अटैक का जोखिम होता है HIGH, स्टडी में सामने आया डरावना सच

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव के पहले क्यों राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की जनता से मांगी माफी #Shorts
New CJI Sanjiv Khanna ने दिखाए तेवर, जानें क्यों वकील को फटकारा । Supreme Court
कौन हैं माइक वाल्ट्ज, बनें डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार । Donald Trump । Mike Waltz
वाह रे कैमराजीवी! फोटो का चक्कर और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ता को मारी लात #Shorts
जानें महाकुंभ मेला की शुरुआत से लेकर शाही स्नान तक की सभी डेट । Maha Kumbh Mela 2025