कहीं आप भी तो नहीं phone call anxiety के शिकार, जानें कैसे आपको अकेला कर रही ये बीमारी

क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि जब आपके फोन की घंटी बजती है तो आप घबरा जाते है और फोन रिसीव करने से कतराते है, तो हो सकता है कि आपको यह बीमारी हो?

Deepali Virk | Published : Jul 11, 2023 9:34 AM IST / Updated: Jul 11 2023, 03:06 PM IST

हेल्थ डेस्क: फोन हमारी जिंदगी का एक अटूट हिस्सा बन गया है। किसी से बात करना हो, गूगल पर कुछ सर्च करना हो, पमेंट करना हो या सोशल नेटवर्किंग पर चैट करना हो फोन का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। लेकिन कभी-कभी जब फोन बजता है तो क्या आपको घबराहट होती है या फोन रिसीव करने से पहले आप सोचते हैं कि यह फोन उठाना चाहिए या नहीं उठाना चाहिए? अगर आपको भी इन सारी चीजों का सामना करना पड़ता है तो हो सकता है कि आप फोन कॉल एंजाइटी से परेशान हो। जी हां, आज हम आपको बताते हैं इस बीमारी के बारे में और इसके लक्षण क्या है...

क्या होती है फोन कॉल एंजाइटी

फोन कॉल एंजाइटी आम स्ट्रेस, तनाव और एंजाइटी का ही एक रूप है, जिसमें आपको फोन उठाने से और इसपर किसी से बात करने में घबराहट होती है। आप किसी से बात नहीं करना चाहते, किसी का फोन आपके पास आता भी है तो आपको कॉल रिसीव करने का मन नहीं करता है। यह स्थिति आपको लोगों से दूर कर सकती है और गंभीर तनाव की ओर ले जा सकती है।

 

 

फोन कॉल एंजाइटी के लक्षण

गलत बातें कहने का डर

जब फोन अचानक बजने लगे और हम बात करने के लिए तैयार नहीं हो, तो हमें यह लगता है कि हम कहीं गलत बात ना कह दें। यह गलत बात ना कहने का डर फोन कॉल एंजाइटी का एक लक्षण हो सकता है।

खामोशी के दौर से गुजरने का डर

ये फोन कॉल एंजाइटी का एक अन्य लक्षण है, जिसमें हमें अजीब सी खामोशी के दौर से गुजरना पड़ता है और हम चाहते हुए भी अपनी बात सामने वाले को नहीं बोल पाते हैं।

इमरजेंसी का डर

कई बार हम इस डर से भी फोन नहीं उठाते कि हमें लगता है कि कोई आपातकालीन स्थिति के लिए हमें ना बुला लें, क्योंकि हम इसका सामना करने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

अपनी चिंता को छुपाए रखना

कभी कभी हम किसी व्यक्ति से इसलिए भी बात नहीं करते क्योंकि हमारी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती और हमें लगता है कि अगर हम फोन कॉल लेते हैं, तो हमारी चिंता सबके सामने आ जाएगी। इसी कारण से हम इस बात को छुपाने का प्रयास करते हैं और धीरे-धीरे फोन कॉल एंजाइटी का शिकार हो जाते हैं।

बातचीत का पहले से पूर्वाभास करना

प्रेडिक्शन यानी कि पूर्वाभास करना भी हमें फोन कॉल एंजाइटी की ओर ले जाता है, क्योंकि कभी-कभी हम फोन उठाने के लिए इसलिए तैयार नहीं होते कि पहले से ही हम यह विचार मन में बना लेते हैं कि इस इंसान का फोन तो किसी काम के लिए ही आया होगा। ये भी फोन कॉल एंजाइटी का एक लक्षण हो सकता है।

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