Weight Cutting क्या है? Olympic में अपनाई जा रही तकनीक के 8 Side Effect

weight cutting side effects: वेट कटिंग, एक ऐसी तकनीक जिसमें एथलीट कम समय में तेजी से वजन घटाते हैं, गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है। डिहाइड्रेशन से लेकर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और अंगों को नुकसान तक, वेट कटिंग के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

हेल्थ डेस्क: विनेश फोगाट को 7 अगस्त को ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक मैच में प्रतिस्पर्धा करने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान और महिला एथलीट के रूप में इतिहास रचने की कगार पर थीं लेकिन अंतिम दौर में वो आवश्यक वजन हासिल नहीं कर सकीं। इसके लिए विनेश ने रातभर कार्डियो और साइकिलिंग किया और 100 ग्राम वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन ऐसे मुमकिन नहीं हो सका। रेसलिंग और मुक्केबाजी जैसे सख्त वेट केटेगरी वाले खेलों में वजन का मामूली अंतर भी एथलीटों के सपनों को चकनाचूर कर सकता है। इसीलिए खिलाड़ी वेट कटिंग का सहारा लेते हैं। 

वेट कटिंग टैक्निक क्या है?

Latest Videos

रिपोर्ट के अनुसार, एथलीट ‘वेट-कटिंग’ टैक्निक का यूज करते हैं, जिसके तहत वे कम समय में ही अपना वजन तेजी से घटा लेते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर पर सख्त वजन सीमा वाले खेलों में किया जाता है, खासकर ओलंपिक में। इस प्रक्रिया में न केवल भोजन का सेवन सीमित करना शामिल है, बल्कि शरीर से तरल पदार्थ और पानी की मात्रा को भी खत्म करना होता है। वेट डिमांडों को पूरा करने के लिए, एथलीट अक्सर इवेंट से हफ्तों पहले वजन घटाने के लिए इंटेंस प्रोग्राम अपनाते हैं, जिसका टारगेट अपने शरीर के वजन का कम से कम 10 प्रतिशत कम करना होता है। वजन करने से पहले के अंतिम 24 घंटे विशेष रूप से थका देने वाले होते हैं, जिसमें एथलीट उन आखिरी कुछ ग्रामों को कम करने के लिए फूड और लिक्विड छोड़ देते हैं।

Insulin Resistance होगा कंट्रोल, खाली पेट 5 Foods से करें दिन की शुरुआत

  1. डिहाइड्रेशन: तेजी से वजन घटाने में अक्सर महत्वपूर्ण तरल पदार्थ की हानि शामिल होती है, जिससे निर्जलीकरण होता है। गंभीर डिहाइड्रेशन से चक्कर आना, बेहोशी, लीवर में परेशानी, हीटस्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति हो सकती है।
  2. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: तरल पदार्थों की कमी से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स भी कम हो जाते हैं, जो मांसपेशियों के कार्य, हृदय की गति और सेलुलर फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं। असंतुलन के परिणामस्वरूप मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी और यहां तक ​​कि हृदय गति रुकना भी शामिल हो सकता है।
  3. मांसपेशियों का द्रव्यमान और ताकत कम होना: वजन घटाने की प्रक्रिया में, एथलीट मांसपेशियों का द्रव्यमान खो सकते हैं, जिससे ताकत और सहनशक्ति कम हो जाती है। इससे न केवल परफॉर्मेंट प्रभावित होती है बल्कि चोट लगने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
  4. पोषक तत्वों की कमी: वजन घटाने के दौरान आहार से आवश्यक पोषक तत्वों का अपर्याप्त सेवन हो सकता है, इससे ऑस्टियोपोरोसिस या एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  5. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: तेजी से वजन कम करने का दबाव चिंता, तनाव और बुलिमिया या एनोरेक्सिया जैसे खाने के विकार पैदा कर सकता है। इन प्रथाओं का मनोवैज्ञानिक प्रभाव एथलीट के मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक इफेक्ट डाल सकता है।
  6. दीर्घकालिक अंग क्षति: बार-बार वजन कम करने से निर्जलीकरण और पोषण असंतुलन के तनाव के कारण अंगों, विशेष रूप से किडनी और लीवर को दीर्घकालिक क्षति हो सकती है।
  7. हार्मोनल असंतुलन: अत्यधिक वजन घटाने से सामान्य हार्मोन उत्पादन बाधित हो सकता है, मेटाबॉलिज्म, प्रजनन स्वास्थ्य और एनर्जी लेवल प्रभावित हो सकता है, जिससे संभावित रूप से महिला एथलीटों में एमेनोरिया जैसी स्थिति हो सकती है।
  8. कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम: पोषक तत्वों की कमी और शारीरिक तनाव, प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे एथलीट संक्रमण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

Weight loss के लिए क्या करते हैं एथलीट,Neeraj Chopra से जानें सीक्रेट

Share this article
click me!

Latest Videos

Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
क्या है Arvind Kejriwal का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Rahul Gandhi
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara