
नवजात बच्चे बेहद नाज़ुक होते हैं, उनकी त्वचा, उनका शरीर और सबसे ज्यादा उनके कान सेंसिटिव होते हैं। कई बार प्यार में हम उनके गाल, सिर और कान पर किस कर देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कान पर दिया गया यही प्यार बच्चे के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? डॉक्टरों और ऑडियोलॉजी एक्सपर्ट्स के अनुसार, “कॉक्लियर ईयर किस इंजरी” एक रियल मेडिकल कंडीशन है, जिसमें किसी भी तेज आवाज, जोर से बोलने, चिल्लाने या यहां तक कि कान के बेहद करीब से दी गई किस भी बच्चे के नाज़ुक ईयर-ड्रम पर प्रेशर वेव बना सकती है। यही प्रेशर वेव ईयरड्रम को नुकसान पहुंचा कर बच्चे से उसकी सुनने की क्षमता तक छीन सकती है।
न्यू बोर्न बेबी का ईयर-ड्रम बहुत पतला, नाजुक और सेंसिटिव होता है। जब कोई बच्चे के कान पर या कान के ठीक पास किस करता है तो हवा का दबाव अचानक उसके कान के भीतर जाता है। यह दबाव एक माइक्रो वैक्यूम जैसा असर पैदा कर सकता है, जो कोक्लिया (inner ear) में मौजूद नाजुक हेयर सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। इन्हीं हेयर सेल्स की वजह से हम आवाज सुन पाते हैं और एक बार ये डैमेज हो जाएं तो ये कभी वापस नहीं बनते। इसलिए कई ऑडियोलॉजिस्ट सलाह देते हैं कि नवजात के कान के पास कोई भी ऐसी हरकत न करें, जिससे हवा का तेज दबाव बने, चाहे वह किस हो, तेज आवाज हो या कान में चिल्लाना हो। न्यू बोर्न बेबी बहुत ही सेंसिटिव होते हैं, इसलिए उनकी हर छोटी चीजों का खास ध्यान रखना घर वालों की जिम्मेदारी होनी चाहिए।
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बच्चे को प्यार करना, उसे दुलारना दुनिया की सबसे खूबसूरत फीलिंग है। लेकिन प्यार दिखाने के भी सेफ तरीके हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बच्चे को माथे, पेट, पैरों या सिर पर हल्की और दूर से दी गई किस बिल्कुल सेफ है। बस उसके कानों के आसपास तेज हवा के दबाव वाली कोई भी एक्टीविटी न करें। इसके बजाय उसे हल्के से गले लगाना, उसके हाथ पकड़ना या उसके माथे पर किस करके प्यार जताना बिल्कुल सेफ है।
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