
Skin color start changing after 40: चालीस की उम्र के बाद त्वचा में परिवर्तन दिखने लगते हैं। महिला हो या फिर पुरुषों के स्किन में झाइयों के साथ ही डार्क स्पॉट या त्वचा में ढीलापन आम समस्या के रूप में सामने आता है। ऐसा कोलेजन और इलास्टिन का लेवल कम होने के कारण होता है। 40 के बाद हार्मोनल चेंज से भी त्वचा की रंगत प्रभावित होती है। वहीं कुछ लोगों में सूरज की हानिकारक किरणें भी बुरा असर डालती हैं। आईए जानते हैं कि आखिर 40 के बाद स्किन क्यों बदलने लगती है।
त्वचा को कसावट देने के लिए कोलेजन और इलास्टिन बेहद जरूरी होते हैं। 40 की उम्र के बाद कोलेजन के साथ इलास्टिन भी कम होने लगता है इसलिए त्वचा ढीली पड़ जाती है। अगर डाइट का ख्याल रखा जाए तो कोलेजन की मात्रा को बढ़ाकर त्वचा को जवां दिखाया जा सकता है। अपनी डाइट को चेंज कर और रोजाना एक्सरसाइज करके कोलेजन की मात्रा को बढ़ाएं।
40 से 50 वर्ष की उम्र के बीच महिलाओं में हार्मोनल चेंज होता है। मेनोपॉज के कारण भी त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। एस्ट्रोजन की तेजी से कमी से त्वचा में न सिर्फ सूखापन आता है बल्कि स्किन पतली भी हो जाती है। अगर खानपान पर ध्यान दिया जाए तो मेनोपॉज के बाद भी स्किन को हेल्दी रखा जा सकता है।
मेलेनिन एक वर्णन होता है जो स्किन को कलर देता है। 40 के बाद कुछ बीमारियां मेलेनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है, जिससे त्वचा का रंग गहरा हो जाता है। यह भी स्किन के रंग में बदलाव का प्रमुख कारण है।