एनेस्थीसिया से होता है मेमोरी लॉस का खतरा? जानें ऐसे ही 5 मिथ एंड फैक्ट्स

Published : Oct 16, 2025, 03:19 PM IST
एनेस्थीसिया

सार

World Anaesthesia Day: विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 पर जानें एनेस्थीसिया से जुड़े आम मिथक और फैक्ट्स। क्या एनेस्थीसिया नींद जैसा होता है? क्या इससे मेमोरी लॉस होता है? सर्जरी से पहले जानें सही जानकारी।

Anaesthesia Myth and Facts: ऑपरेशन या सर्जरी के दौरान मरीज को दर्द से बचाने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। बिना एनेस्थीसिया के ऑपरेशन का दर्द सहना पेशेंट के लिए मुश्किल है। एनेस्थीसिया को लेकर लोगों के मन में काफी मिथ होते हैं। इसकी सही जानकारी सभी को होना बेहद जरूरी है। विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 (World Anaesthesia Day 2025) के मौके पर जानें एनेस्थीसिया से जुड़े मिथ एंड फैक्ट्स के बारे में।

1.मिथक: एनेस्थीसिया और नींद एक समान होती है।

फैक्ट: एनेस्थीसिया और नींद एक जैसे नहीं होती है। एनेस्थीसिया देने से बेहोशी आती है और जबकि नींद चेतना अवस्था है। एनेस्थीसिया देने के बाद अंग में दर्द का एहसास नहीं होता है।

2.मिथक: एनेस्थीसिया से मेमोरी को नुकसान पहुंच सकता है।

फैक्ट: एनेस्थीसिया से मेमोरी को नुकसान नहीं पहुंचता है। कुछ लोगों को मतली या सुस्ती हो सकते हैं। लेकिन किसी प्रकार की समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से परामर्श लिया जा सकता है।

3.मिथक: अगर एलर्जी की समस्या है, तो एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता है।

फैक्ट: अगर एलर्जी की समस्या है तो एनेस्थीसिया देने के लिए मना नहीं किया जाता है। बल्कि डॉक्टर जांच करते हैं कि व्यक्ति को किस चीज से एलर्जी है। इसके बाद एनेस्थीसिया दिया जाता है। ऐसा करने से मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। 

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4. मिथक: एनेस्थीसिया देने के बाद व्यक्ति कुछ घंटे में ठीक हो जाता है और घर भी जा सकता है।

फैक्ट: यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति की कौन सी सर्जरी हुई है। एनेस्थीसिया देने के घंटों बाद तक व्यक्ति की प्रतिक्रिया और शारीरिक क्षमता प्रभावित होती है, इसलिए 24 घंटे तक व्यक्ति को निगरानी में रखा जाता है।

5. मिथक: सभी पेशेंट को एक ही प्रकार के एनेस्थीसिया की जरूरत पड़ती है।

फैक्ट: एनेस्थीसिया एक नहीं बल्कि 3 प्रकार के होते हैं। जनरल एनेस्थीसिया में व्यक्ति पूरी तरह से बेहोश हो जाता है। जबकि रीजनल एनेस्थीसिया शरीर के किसी बड़े हिस्से को सुन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं लोकल एनेस्थीसिया शरीर के छोटे हिस्से को सुन्न कर देता है। डॉक्टर डिसाइड करते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार का एनेस्थीसिया दिया जाएगा।

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