
हेल्थ डेस्क: 1 अगस्त से 7 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। इस दिवस को दुनियाभर में मनाने का उद्देश्य लोगों में ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरुकता फैलाना है। आज भी लोगों के बीच ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कई मिथक फैले हुए हैं। गलत जानकारी के कारण कई बार बच्चे मां के दूध से वंचित रह जाते हैं। अगर आपको भी ब्रेस्टफीडिंग को लेकर गलत जानकारी है तो सही तथ्य जरूर जानें। जानिए लोगों के बीच ब्रेस्टफीडिंग को लेकर फैले कुछ मिथक के बारे में।
फैक्ट: ब्रेस्टफीडिंग को लेकर ये बड़ा मिथक है। एक्सरसाइज स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए लाभकारी होती है। अगर महिला रोजाना एक्सरसाइज करने के बाद बच्चे को दूध पिलाती है, तो इससे दूध के स्वाद में कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।
फैक्ट: यह बहुत बड़ा मिथक है। अगर जन्म के 1 घंटे के अंदर बच्चा स्तनपान नहीं करता है तो मां को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद भी यह प्रक्रिया कराई जा सकती है। अगर बच्चा दूध नहीं पी पा रहा है, तो नर्स या डॉक्टर की मदद ली जा सकती है। बार-बार त्वचा के संपर्क में आने पर बच्चा स्तनपान शुरू कर देता है।
फैक्ट: यह बहुत बड़ा मिथक है कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं दवा नहीं खा सकती हैं। बीमार होने पर या जरूरत पड़ने पर दवा का सेवन किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लेनी चाहिए। कुछ दवाई ऐसी होती हैं, जिन्हें खाने के बाद स्तनपान नहीं कराना चाहिए। आप इस बारे में डॉक्टर से पूछने के बाद ही दवा का सेवन करें।
फैक्ट: अगर महिला के दूध नहीं बन रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर कुछ दवाई देते हैं, जिसके बाद पर्याप्त मात्रा में दूध बनने लगता है। अगर महिला के दूध नहीं बन रहा है, तो बच्चे को स्तनपान छुड़ाना बिल्कुल भी सही नहीं है।
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