
हेल्थ डेस्क: हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक (Breastfeeding Week 2025) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों के बीच ब्रेस्टफीडिंग को लेकर जागरूकता फैलाना है। ब्रेस्टफीडिंग के लिए महिला को बच्चे के साथ रहना जरूरी है। वर्किंग माएं ब्रेस्टमिल्क को स्टोर करके रख देती है, जिसके बाद कोई भी बोतल में दूध भर के आसानी से पिला सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्ट मिल्क को बोतल में भरकर पिलाना सुरक्षित नहीं है? बोतल से दूध पीने से बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है।
जब बच्चा बोतल से दूध पीता है, तो उसके लिए निप्पल से दूध चूसना काफी आसान हो जाता है। बोतल निप्पल सिलिकॉन का बना होता है। उसकी आदत सिलिकॉन निप्पल से दूध पीने की हो जाती है। इस कारण से जब वह ब्रेस्ट मिल्क पीता है, तो केवल मां का निप्पल ही दबाता है, ना कि एरोला का स्थान। इस कारण से बच्चे को निप्पल कंफ्यूजन हो जाता है और ब्रेस्ट मिल्क पीने पर ठीक से दूध नहीं निकल पाता। अगर बच्चे को लगातार बोतल से दूध पिलाया जाएगा, तो बच्चा मां का दूध ठीक तरह से नहीं पी पाएगा। इसी स्थिति को निप्पल कंफ्यूजन कहते हैं।
दूध के बोतल की अगर सफाई ठीक तरह से ना की जाए तो बच्चे को संक्रमण की समस्या हो सकती है, जो डायरिया का कारण बनता है। अगर बच्चे को पीठ के बल लिटाकर बोतल से दूध पिलाया जाता है, तो कान में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। कई बच्चों में तो पेट दर्द की समस्या भी सामने आती है।
अगर मॉम वर्किंग है, तो फ्रिज में स्टोर किया गया ब्रेस्टमिल्क बॉटल से पिलाने के बजाय कटोरी और चम्मच से पिलाया जा सकता है। साफ कटोरी और चम्मच का इस्तेमाल कर ब्रेस्टमिल्क पिलाने से बच्चों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। डॉक्टर इसे सही तरीका मानते हैं।
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