world cup 2023:शुभमन गिल का प्लेटलेट्स हुआ कम, जानें कितना खतरनाक होता है डेंगू में इसका Low हो जाना

आईसीसी वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है। लेकिन शुभमन गिल भारत के पहले और दूसरे मैच में नहीं खेल पाए हैं। क्योंकि वो डेंगू से पीड़ित हैं और उनका प्लेटलेट काउंट कम है। आइए आसान भाषा में जानते हैं प्लेटलेट काउंट कम होना कितना डेंजर है।

Nitu Kumari | Published : Oct 11, 2023 8:38 AM IST

हेल्थ डेस्क. आईसीआईसीआई वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2023 )में भारत का आज (11 अक्टूबर) दूसरा मैच अफगानिस्तान के साथ हो रहा है। इस बार भी शुभमन गिल के नहीं खेलने से फैंस को निराशा हुआ है। दरअसल, टीम इंडिया के ओपनर ओपनर बल्लेबाज शुभमन गिल डेंगू से पीड़ित हैं। रविवार को हेल्थ चेकअप में उनका ब्लड काउंट एक लाख प्रति माइक्रोलीटर से कम आया। जिसके बाद उन्हें एडमिट किया गया है। हालांकि वो अब ठीक है। अभी बल्लेबाजी के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है।

मच्छर से होने वाली डेंगू बीमारी में प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है। इसका ज्यादा कम होना जानलेवा भी साबित हो सकता है। अक्सर मरीजों को इसे बढ़ाने के लिए प्लेटलेट्स चढ़ाने की नौबत आ जाती है। आइए जानते हैं ब्लड में प्लेटलेट्स क्या होते हैं और डेंगू में यह कम क्यों होने लगता है। हेल्दी व्यक्ति में इसे कितना होना चाहिए।

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ब्लड प्लेटलेट्स क्या हैं?

प्लेटलेट्स जिसे थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है ये हमारे ब्लड में छोटे-रंगहीन कोशिकाओं के टुकड़े जैसा होता है। जिसका काम थक्के बनाना और ब्लड को शरीर के बाहर निकलने से रोकना है। यह हमारे बोन मैरो में बनते हैं। बोन मैरो में स्टेम सेल्स होती हैं जो रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के रूप में डेवलप होती है।

डेंगू में क्यों कम हो जाते हैं प्लेटलेट्स

डॉक्टर का कहना है कि डेंगू की गंभीर स्थिति में प्लेटलेट्स का कम होना सामान्य है। संक्रमण की वजह से आपका बोन मैरो सप्रेस हो जाता है। जिससे प्लेटलेट का प्रोडक्शन कम हो जाता है। इतना ही नहीं डेंगू के संक्रमण के कारण ब्लड सेल्स भी इफेक्टिव होने लगती है। जिसके कारण प्लेटलेट्स में कमी होने लग जाती है। इसके अलावा कुछ अन्य बीमारियों और विटामिन्स की कमी के कारण भी इसके काउंट में कमी होती है।

प्लेटलेट्स कम होने से क्या होता है

वैसे तो ट्रीटमेंट से प्लेटलेट्स बढ़ जाता है। लेकिन जब यह बहुत ही कम हो जाता है तो फिर यह फेफड़ों, लिवर या हृदय को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके कम होने से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और शॉक लग सकता है। डाबिटीज पेशेंट का अगर प्लेटलेट्स कम हो गया तो फिर वो जानलेवा हो सकता है।

प्लेटलेट्स कम होने पर क्या करें

अगर आप डेंगू से पीड़ित हैं तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए। प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती हो जाए या फिर डॉक्टर के बताए रास्ते पर चलें। हाइड्रेशन का ख्याल रखें। अनार, पपीता, नारियल पानी का सेवन खूब करें। दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।

स्वस्थ्य इंसान में कितना होना चाहिए प्लेटलेट्स

वयस्कों में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर रक्त के बीच होती है। 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर से कम प्लेटलेट को सामान्य से कम माना जाता है। इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है।कम प्लेटलेट्स होने पर ब्लड का धक्का नहीं जम पाता है।

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