
हेल्थ डेस्क: हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच कैंसर अवेयरनेस फैलाना है। विश्व के साथ ही भारत में लंग कैंसर तेजी से फैल रहा है। International Agency for Research on Cancer (IARC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में लगभग 1.8 (18 लाख) मिलियन लोगों की फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु हो गई थी। फेफड़ों के कैंसर को लेकर ऐसे बहुत से फैक्ट्स हैं, जो लोगों को पता नहीं हैं। आइए जानते हैं कुछ फैक्ट्स के बारे में।
फेफड़ों के कैंसर की जानकारी कभी-कभी आई चेकअप के दौरान होती है। कुछ प्रकार के लंग कैंसर पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम (Paraneoplastic Syndromes) का कारण बनते हैं, जो कि नर्वस सिस्टम को इफेक्ट करता है। कुछ मामलों में रेटिनोपैथी या अन्य विजन में बदलाव लंग कैंसर के कारण होता है। आई विजन में चेंज फेफड़ों के कैंसर का प्रारंभिक लक्षण बन सकता है, जिस वजह से व्यक्ति को आंखों की जांच कराने की जरूरत महसूस होती है। इसी दौरान लंग कैंसर भी डायग्नोज होता है। डॉक्टर जांच के बाद लंग कैंसर का ट्रीटमेंट शुरू करते हैं।
लंग कैंसर सिर्फ फेफड़ों को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों में फेल कर ऑर्गन्स को खराब कर देता है। लंग कैंसर दिमाग, लिवर, बोंस के साथ ही एड्रेनल ग्लैंड में भी फैल सकता है। इस प्रक्रिया को मेटास्टेटिस के नाम से जाना जाता है। अगर कैंसर का शुरुआती इलाज करा लिया जाए, तो शरीर के अन्य ऑर्गन्स को कैंसर से बचाया जा सकता है।
हम सभी को पता है कि लंग कैंसर का मुख्य कारण सिगरेट अधिक पीना या पैसिव स्मोकिंग है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि लंग कैंसर वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण भी हो रहा है। जैसे-जैसे कारों की संख्या बढ़ रही है, वातावरण में डीजल और पेट्रोल से प्रदूषण (पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5), नाइट्रोजन ऑक्साइड, और सल्फर डाइऑक्साइड) भी बढ़ रहा है। डीजल, धुंआ सहित वायु प्रदूषण के संपर्क में आने पर व्यक्ति लंग कैंसर का शिकार बन रहा है।
और पढ़ें: Fat Loss Tips: वजन घटाने के लिए कार्ब्स जरूरी हैं, पढ़ें ये देसी डाइट गाइड