जाइडस लाइफसाइंसेज के टाइफाइड वैक्सीन को WHO ने दिखाई हरी झंडी

Published : Oct 23, 2024, 01:17 PM ISTUpdated : Oct 23, 2024, 06:59 PM IST
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सार

जाइडस लाइफसाइंसेज की टाइफाइड वीआई कंजुगेट वैक्सीन जायवैक टीसीवी (ZyVac TCV) को WHO ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी है।

नई दिल्ली। भारत की दवा निर्माता कंपनी जाइडस लाइफसाइंसेज (Zydus Lifesciences) को बड़ी सफलता मिली है। WHO (World Health Organisation) ने इसकी टाइफाइड वीआई कंजुगेट वैक्सीन (Typhoid Vi conjugate vaccine) जायवैक टीसीवी (ZyVac TCV) को सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। जाइडस ने बुधवार को यह जानकारी दी। अब संयुक्त राष्ट्र खरीद एजेंसियों द्वारा इस वैक्सीन की खरीद हो सकेगी।

ZyVac TCV स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। इसका निर्माण अहमदाबाद के जाइडस बायोटेक पार्क में किया जा रहा है। जाइडस लाइफसाइंसेज ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि यह दवा 6 महीने से 65 साल की आयु वर्ग के लोगों को दी जा सकती है। यह साल्मोनेला टाइफी संक्रमण के खिलाफ काम करता है।

जाइडस कंपनी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों द्वारा हर साल टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन की 150 मिलियन से अधिक खुराकें खरीदी जाती हैं। भारत, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में इसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र में टाइफाइड बुखार के कारण होने वाली मौतों में अकेले भारत का योगदान 75 प्रतिशत है।

साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोवर टाइफी के चलते होता है टाइफाइड बुखार

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोवर टाइफी (एस. टाइफी) नाम के बैक्टीरिया का संक्रमण लगने से होता है। यह दूषित जल और भोजन के माध्यम से फैलता है। हर साल 117,000 से 161,000 लोगों की मौत इस बीमारी के कारण होती है। टाइफाइड बुखार बच्चों के लिए ज्यादा घातक होता है। इसके 27% शिकार 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं।

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