सार
भारत में तेजी से बढ़ते ब्रेन स्ट्रोक और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मामलों पर जानकारी। ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार और नियमित हेल्थ चेकअप जरूरी। जानें बचाव के टिप्स और उपचार के तरीके।
हेल्थ डेस्क: भारत में तेजी से ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर साल 185,000 लोग ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आते हैं। लगभग 40 सेकंड में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित हो रहा है और 4 मिनट में एक व्यक्ति जानलेवा बीमारी से मर रहा है।ये आंकड़े सुनकर आपको भी हैरानी हो रही होगी। स्ट्रोक, दौरे आना या फिर विभिन्न प्रकार के ब्रेन ट्यूमर जैसी न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें आजकल के समय में बेहद आम हो चुकी हैं। इन बीमारियों को विशेष तरह की देखभाल और सही उपचार की जरूरत होती है। भारत में हर साल 40 से 50 हजार लोगों में ब्रेन ट्यूमर के मामले डायग्नोज किए जाते हैं। कम ही लोग ऐसे हैं जो ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को समझ पाए और समय पर ट्रीटमेंट कराएं। जानिए ब्रेन स्ट्रोक के बारे में अधिक जानकारी।
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की गंभीरता
कई बीमारियां ऐसी होती है जिनके ऊपर किसी का ध्यान ही नहीं जाता। अगर ध्यान जाता भी है तो उसे सीरियस नहीं लिया जाता। ब्रेन संबंधी बीमारियां भी ऐसी होती हैं। कुछ लक्षण जैसे कि सिर दर्द होना, अचानक से बीमार पड़ जाना, उल्टी आना, साफ ना दिखाई देना आदि लक्षण दिखने पर गंभीर हो जाना चाहिए। आपको तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट सर्जन से संपर्क करना चाहिए। जांच के बाद ही पता चलता है कि व्यक्ति को कितनी गंभीर बीमारी है। इसके बाद ही डॉक्टर ट्रीटमेंट शुरू करते हैं।
सर्जरी के बाद रेडियोथेरिपी जरूरी
टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख के अनुसार सुनील पटेल नाम का व्यक्ति न दिखने की समस्या लेकर डॉक्टर के पास गया। व्यक्ति को पहले पिट्टयूटरी ग्लैंड में ट्यूमर हुआ था जिसे एंडोस्कोपिक सर्जरी से ठीक किया गया। तीन साल बाद उसी स्थान में कैंसर फिर से हो गया। डॉक्टर ने ट्रीटमेंट देने के बाद रेडियोथेरिपी कराने की सलाह भी दी थी। रेडियोथेरिपी दोबारा कैंसर के चांस को कम कर देता है। रेडियोथेरिपी न कराने के कारण व्यक्ति को तीन बार एक ही स्थान में ट्यूमर हुआ।
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए टिप्स
- ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल में सुधार करना बहुत जरूरी है। हमेशा हेल्दी खाना खाएं और एक्टिव रहें। आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट करना भी सीखना होगा जिससे ब्रेन संबंधी बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज भी ब्रेन स्ट्रोक रोग का कारण बन सकते हैं। आपको रेगुलर डॉक्टर के पास विजिट करना चाहिए ताकि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल कर सकें।
- स्मोकिंग अधिक करने या फिर एल्कोहल लेने से भी दिमाग की ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। अगर आप अधिक मात्रा में सिगरेट पी रहे हैं तो धीरे-धीरे करके सिगरेट छोड़िए। आप चाहे तो इसमें डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं।
- कुछ रूटीन हेल्थ चेकअप और फैमिली हिस्ट्री प्रॉब्लम को डॉक्टर के साथ शेयर करें। ऐसा करने से डॉक्टर आपकी हेल्थ पर निगरानी रख सकते हैं और भविष्य में आने वाले खतरे को टाल सकते हैं।
- आपको रोजाना मेंटल एक्सरसाइज जैसे कि पजल सॉल्व करना, रीडिंग करना, किसी इंटेलेक्चुअल डिस्कशन में हिस्सा लेना आदि करने से ब्रेन शार्प करने में मदद मिलेगी और साथ ही कॉग्निटिव डिक्लाइन रिस्क भी कम होगा।
- सिर की चोट भी स्ट्रोक का कारण बन सकती है। जब भी बाहर जाएं हमेशा हेलमेट पहनें और ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें।
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