
सर्दियां आते ही ज्यादातर लोग मानते हैं कि करेला (Bitter Gourd) ठंड में नहीं उगता, लेकिन सच यह है कि अगर आपको गार्डनिंग का थोड़ा-सा भी शौक है तो आप इसे सर्द मौसम में भी आसानी से उगा सकती हैं। बस सही गमला, सही मिट्टी और थोड़ा-सा ध्यान, आपके घर की बालकनी या टेरेस के एक ही गमले से कई किलो करेले की ताजा फसल तैयार हो जाएगी। ये तरीका खासकर उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो ऑर्गेनिक, कीटनाशक-मुक्त सब्जियां चाहती हैं। लेकिन करेला ज्यादा कड़वा ना हो जाए, इसके लिए इसे उगाते वक्त इन ट्रिक्स का ध्यान रखें।
ठंडी हवा में कीड़े कम लगते हैं, जिससे पौधा ज्यादा हेल्दी बढ़ता है। दिन में हल्की धूप और रात की ठंड बेल को मजबूती देती है। साथ ही मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे कम पानी देना पड़ता है। इसलिए सर्दियों में गमले में करेले की बेल लगाना ज्यादा आसान साबित होता है।
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करेले की जड़ें गहरी जाती हैं, इसलिए गमला थोड़ा बड़ा होना चाहिए। इसमें 12 इंच गहराई और नीचे 3–4 ड्रेनेज होल होना चाहिए। अगर जगह हो तो ग्रो बैग भी बहुत अच्छे रहते हैं। अच्छी मिट्टी फसल को कई गुना बढ़ा देती है। ऐसे में मिट्टी के लिए 40% गार्डन सॉइल, 30% गोबर खाद/कम्पोस्ट, 20% रेत और 10% नीम खली या वर्मी कम्पोस्ट चुनें। ये मिश्रण बेल को जल्दी चढ़ने और फूल–फल देने में मदद करता है।
करेले के बीजों को रातभर पानी में भिगो दें। अगली सुबह बीज को 1 इंच मिट्टी के अंदर दबाएं। पानी हल्के हाथ से डालें और 7–10 दिन में छोटे पौधे दिखने लगेंगे। बीज की धारदार नोक को हल्का स्क्रैच करें, इससे अंकुरण और तेज होता है। करेला धूप पसंद करता है, पर सर्दी में तेज धूप कम होती है। दिन में 4–6 घंटे की धूप काफी होती है।जैसे ही पौधा 10–12 इंच बढ़े, उसे ऊपर चढ़ाने में मदद करें।
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करेले की बेल बहुत पोषण मांगती है, इसलिए हर 15 दिन में वर्मी कम्पोस्ट, महीने में एक बार नीम खली और फूल आने पर लिक्विड कम्पोस्ट डालें। इससे बेल बहुत तेजी से बढ़ती है और भरपूर फल देती है। सर्दी में कीड़े कम लगते हैं, लेकिन फिर भी ध्यान रखें। नीम ऑइल + पानी + हल्का साबुन मिलाकर 10–12 दिन में एक बार स्प्रे करें। वहीं करेले को ज्यादा कड़वा होने से बचाने के लिए मिट्टी में राख/ऐश मिलाएं। साथ ही गमला हमेशा धूप में रखें और फूल आने के बाद ज्यादा पानी न दें। इससे करेले कम कड़वे लगेंगे।